उत्तराखंड मे नए कानून के विरोध मे रोडवेज समेत केमू बसों की हड़ताल शुरू, यहां-वहां भटक रहे यात्री

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उत्तराखंड मे नए कानून के विरोध में सोमवार को रोडवेज बस चालक हड़ताल पर चले गए। चालकों ने प्रदर्शन कर नए कानून का विरोध किया। जिसका असर प्रदेश के साथ-साथ रामनगर, हल्द्वानी में भी देखने को मिल रहा है। इस वजह से यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। 

Uttarakhand Roadways: Indefinite strike of Kemu buses started in uttarakhand

रोडवेज

बता दें कि, हिट एंड रन केस के नए प्रावधान को लेकर ट्रांसपोर्ट नगर व्यापारी एसोसिएशन ने केंद्र सरकार की ओर से लागू नए प्रावधान को लेकर नाराजगी जताई और विरोध में प्रदर्शन भी किया। सरकार से इस प्रस्तावित कानून पर पुनः विचार करने की मांग की गई।

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हल्द्वानी बस स्टेशन – फोटो

केंद्रीय मंत्रीमंडल ने वाहन से दुर्घटना होने पर चालक को 10 वर्ष का करावास और पांच लाख अर्थदंड वसूलने के नए प्रावधान के विरोध में ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट यूनियन कांग्रेस ने तीन दिनी देशव्यापी हड़ताल का एलान किया है। महासंघ टैक्सी यूनियन कुमाऊं मंडल ने भी सोमवार से होने वाली हड़ताल को समर्थन दिया है। ऐसे में आज से बुधवार तक टैक्सियां नहीं चलेंगी।

महासंघ टैक्सी यूनियन कुमाऊं मंडल के अध्यक्ष ठाकुर सिंह बिष्ट ने प्रेस नोट जारी कर कहा कि देशव्यापी हड़ताल का यूनियन समर्थन करती है। कहा कि एक जनवरी 2024 से तीन जनवरी तक तीन दिनी देशव्यापी हड़ताल को केमू समेत अन्य का समर्थन है। कुमाऊं टैक्सी महासंघ भी इस बंद का पूर्ण समर्थन करता है। उन्होंने समस्त विभागों में अधिग्रहित व्यावसायिक वाहन चालकों/मालिकों से अनुरोध किया है कि वह भी इस बंद में अपना पूर्ण समर्थन दें।

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हल्द्वानी में यात्री परेशान

ट्रांसपोर्टरों ने कहा कि जब भी कोई दुर्घटना होती है तो ड्राइवर बचने के इरादे से नहीं भागता बल्कि, बेकाबू होती भीड़ से खुद की जान बचाने के लिए भागता है। ऐसे में उस पर सजा का प्रावधान और जुर्माना लगाना ठीक नहीं है। एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरजीत सिंह सेठी और महामंत्री प्रदीप सब्बरवाल ने कहा कि हिट एंड रन केस के नए प्रावधानों ने ट्रक चालकों में भय पैदा हो गया है। कई ट्रक चालक नौकरी छोड़ कर जा चुके हैं। ऐसे में ट्रांसपोर्ट कारोबार खतरे में पड़ गया है। 

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रामनगर में यात्री परेशान

नए कानून में दुर्घटना की स्थिति में ट्रक चालक पर सात लाख रुपये का जुर्माना और 10 साल कैद की सजा का प्रावधान किया गया है। जो ट्रक चालक की आर्थिक स्थिति के अनुसार गलत है। 


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