सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उच्च स्तरीय बैठक में निर्देश दिए कि भू-कानून के लिए बनाई गई कमेटी बड़े पैमाने पर जन सुनवाई करे। कई क्षेत्रों से जुड़े लोगों और विशेषज्ञों की राय लें। भू-कानून के लिए विकेंद्रीकृत व्यवस्था के तहत गढ़वाल और कुमाऊं कमिश्नर को भी शामिल किया जाए।
सीएम ने निर्देश दिए कि समिति सुझावों के आधार पर तेजी से ड्राफ्ट बनाए। कहा, राज्य सरकार की ओर से सभी निर्णय प्रदेश हित में लिए जा रहे हैं। जनभावनाओं के अनुरूप और जो राज्यहित में जो सर्वोपरि होगा, सरकार उस दिशा में निरंतर काम करेगी। बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, एडीजी एपी अंशुमन, सचिव एवं गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय, अपर सचिव जेसी कांडपाल मौजूद रहे।
राज्य में पिछले कुछ वर्षों में तेजी से कृषि भूमि खरीदने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है। लगातार ये मुद्दा उठ रहा है कि कृषि भूमि को बाहरी राज्यों के लोग आकर खरीद रहे हैं। इसके लिए पूर्व में भू-कानून बनाने के लिए सुभाष कुमार की समिति बनाई गई थी। इस समिति ने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। इसी रिपोर्ट से अब प्रारूप तैयार किया जा रहा है। इसके बाद सरकार भू-कानून पर नए साल में अहम फैसला ले सकती है।
मई में जमीन खरीद से पहले पृष्ठभूमि की जांच का हुआ था फैसला
पिछले साल मई माह में धामी सरकार ने कैबिनेट में ये निर्णय लिया था कि राज्य में भूमि खरीदने वाले की पहले पृष्ठभूमि और मकसद की जांच होगी। उसके बाद अनुमति दी जाएगी। तब सीएम धामी ने कहा था कि प्रदेश में जमीन बेरोक-टोक खरीदी जाती थी, लेकिन अब पूरी पृष्ठभूमि जांचने के बाद अनुमति दी जाएगी। इसके लिए अध्यादेश लाने की भी तैयारी की जा रही है।