पहले भाजपा के केंद्रीय नेताओं का आना, फिर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का दौरा और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिथौरागढ़ आने की तैयारी। बारी-बारी से उत्तराखंड आ रहे इन भाजपा दिग्गजों ने संगठन की सियासत को गरमा रखा है। भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी में पूरी गंभीरता के साथ जुट गया है।
पार्टी के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम तो हर 15 दिन में उत्तराखंड का दौरा कर रहे हैं। इसके विपरीत कांग्रेस में चुनावी तैयारी का दारोमदार जिन नेताओं के कंधों पर हैं, वे मोर्चे गायब हैं। सियासी हलकों में पार्टी के प्रदेश प्रभारी की गैरमौजूदगी इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के स्तर पर लोस चुनाव को लेकर कुछ तैयारियां शुरू की गई हैं। गढ़वाल-कुमाऊं में जिलाध्यक्षों सहित महानगर स्तर पर बैठकों का दौर शुरू हुआ है। लेकिन बड़े चुनाव से पहले बड़े नेताओं की अनुपस्थित खटक रही है। कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने विस चुनाव की हार के बाद चंपावत और बागेश्वर उपचुनाव में उपस्थिति दर्ज कराई थी, लेकिन पुन: दोनों उपचुनाव में मिली हार की निराश से वह उभर नहीं पाए हैं। इससे पहले प्रभारी देवेंद्र यादव ने पार्टी के वरिष्ठ नेता सूर्यकांत धस्मान की ओर से आयोजित नव चिंतन शिविर में आए थे। उन्होंने देहरादून में दो बार समीक्षा बैठकों में शिरकत की, लेकिन इसके बाद वह गायब ही रहे
इससे इतर भाजपा के स्तर पर आए दिन केंद्रीय मंत्रियों के दौरे और प्रदेश प्रभारी सहित तमाम पदाधिकारियों का उत्तराखंड दौरा लगातार जारी है। दो दिन पहले ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सरकार दौरे के साथ पार्टी के लिए भरपूर वक्त निकाला। उधर, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी उत्तराखंड का दौरा कर प्रदेश भाजपा को मजबूती दी। जबकि कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं की यदा-कदा प्रेस कांफ्रेंस तक ही उपस्थिति दर्ज होती है। ऐसे में आगामी चुनाव के लिहाज से कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक दिख रहा है।
पूर्व में प्रदेश स्तरीय नेता खोल चुके हैं प्रभारी के खिलाफ मोर्चा
विधानसभा चुनाव की हार की जिम्मेदारी लेते हुए तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल से इस्तीफा ले लिया गया था। उधर, नेता प्रतिपक्ष के पद से प्रीतम से जिम्मेदारी हटाते हुए यशपाल आर्य को सौंप दी गई थी। उस दौरान प्रदेश प्रभारी को भी बदले जाने को लेकर कांग्रेस के भीतर विरोध के सुर उठे, लेकिन प्रभारी पद पर डटे रहे। वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रहे प्रीतम सिंह व द्वाराहाट विधायक मदन बिष्ट बाकायदा खुले तौर पर प्रभारी के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं।