महोबा में प्रधानमंत्री कार्यालय और सीबीआई के फर्जी अधिकारी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। जिसके पास से पीएमओ कार्यालय सहित राजस्थान सीएम कार्यालय के फर्जी आईडी कार्ड भी बरामद हुए है।
पकड़ा गया शातिर अभियुक्त अधिकारी बनकर ट्रेन में बिना टिकट यात्रा कर रहा था। टीटी और जीआरपी पुलिस द्वारा टिकट मांगने पर खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर धौंस दिखाने लगा जिस पर शक होने पर पुलिस ने आरोपी को पकड़ लिया जिसके पास से कई फर्जी आईडी कार्ड बरामद कर लिए गए। यदि समय रहते जीआरपी पुलिस शातिर को न पकड़ती तो शायद कोई बड़ी अपराधिक वारदात ट्रेन से जुड़ी हो सकती थी। आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा गया है।
पूरा मामला महोबा रेलवे स्टेशन का है। जहां जीआरपी पुलिस ने एक शातिर अभियुक्त को गिरफ्तार किया है। बताया जाता है ट्रेन में बिना टिकट यात्रा कर रहे उक्त आरोपी से जब टीटी ने टिकट मांगा तो वह भड़क उठा और खुद को सीबीआई का अधिकारी बताकर धौंस दिखाने लगा। ट्रेन में महोबा जीआरपी पुलिस भी मौजूद थी जिस पर उससे जब आईडी कार्ड मांगा गया तो उसने PMO कार्यालय का कार्ड दिखाया। पहले सीबीआई अधिकारी बताया फिर पीएमओ का कार्ड दिखाया जिस पर पुलिस का शक बढ़ गया। आरोपी से कड़ाई से पूछताछ करने पर उसकी कलई खुल गई।
जामा तलाशी में अभियुक्त के पास से 6 फर्जी आई कार्ड बरामद किए गए। जिसमें प्रधानमंत्री कार्यालय का आईडी कार्ड सहित राजस्थान मुख्यमंत्री कार्यालय और वीवीआईपी आईडी कार्ड शामिल हैं जिन्हें दिखाकर यह सब पर रौब झाड़ता था और ट्रेन में बिना टिकट एसी कोच में सफर करता था। पकड़े गए अभियुक्त का नाम प्रवेश दुबे बताया। पूछताछ में पता चला कि शातिर अभियुक्त मिर्जापुर का रहने वाला है और अक्सर ट्रेन में फर्जी आईडी कार्ड दिखाकर अपराधों को अंजाम देता है। ऐसे में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। गनीमत रही कि पुलिस ने शातिर अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया नही तो कोई बड़ी अपराधिक वारदात को भी शातिर बदमाश अंजाम दे सकता था।
जीआरपी पुलिस ने अभियुक्त के खिलाफ धारा 419, 420, 467, 471 सहित 137 रेलवे एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया और उसे जेल भेजा गया है। बताया जाता है कि जीआरपी थाना प्रभारी अखिलेश कुमार सिंह और उनकी टीम हेड कांस्टेबल करूणेंद्र और यादवेंद्र द्वारा उक्त शातिर अभियुक्त को गिरफ्तार करने में कामयाबी पाई है। जिसके आपराधिक इतिहास की भी जानकारी में पुलिस जुटी हुई है।