हल्द्वानी हिंसा :सपा नेता के भाई और उपद्रवियों पर लगा UAPA,यूएपीए लगने वालों में तीन निर्वतमान पार्षद भी शामिल

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हल्द्वानी। बनभूलपुरा उपद्रव के मुख्य साजिशकर्ता अब्दुल मलिक पर आपराधिक कानून संसोधन अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) लग चुका है। अब पुलिस ने सपा नेता के भाई समेत बनभूलपुरा थाना फूंकने वाले सभी उपद्रवियों पर यूएपीए लगा दिया है। उपद्रवियों में तीन निवर्तमान पार्षद भी शामिल हैं।

आठ फरवरी को बनभूलपुरा में सरकारी जमीन से अवैध मदरसा व नमाज स्थल तोड़ने पर उपद्रव हुआ था। पुलिस, नगर निगम व प्रशासन पर पथराव व आगजनी हुई। बनभूलपुरा थाना पेट्रोल बम से फूंक दिया गया था। सोमवार को मलिक पर यूएपीए लगाने की बात सामने आई थी।

एसएसपी के अनुसार बनभूलपुरा थाना फूंकने के मामले में 16 नामजद के विरुद्ध प्राथमिकी की थी। इन उपद्रवियों पर यूएपीए लगाया गया है। पुलिस के अनुसार उपद्रवियों में सपा नेता का भाई भी शामिल है। बनभूलपुरा थाने फूंकने में शामिल 36 उपद्रवियों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है। पूरे प्रकरण में उपद्रवियों की गिरफ्तारी की संख्या 82 है। जबकि मलिक का बेटा अब्दुल मोईद अब भी फरार है। जिसकी तलाश में संभावित स्थानों पर दबिश दी जा रही है।

उपद्रवियों पर दर्ज होगा हत्या का मुकदमा

बनभूलपुरा उपद्रव के दौरान अलबसर नाम का युवक घायल हो गया था। उसके पेट में धारदार हथियार से हमला हुआ था। तीन दिन पहले अलबसर ने एसटीएच में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया था। एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा का कहना है कि अलबसर की मौत उपद्रवियों ने की या किसी रंजिश में हुई, इसकी जांच चल रही है। उपद्रव में अलबसर की मौत की पुष्टि हुई तो सभी उपद्रवियों पर हत्या की धारा में मुकदमा किया जाएगा।

ये है यूएपीए

आतंकी गतिविधि में लिप्त लोगों पर यह कार्रवाई की जाती है। इसके तहत कम से कम पांच वर्ष की सजा व अधिकतम आजीवन कारावास की सजा का प्रविधान है। यूएपीए को वर्ष 1967 में लागू किया गया था। वर्ष 2008 में इसे आतंकवाद विरोधी कानून के रूप में संशोधित किया गया।


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