- कड़ी सुरक्षा में शुरूवात हुई हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा,
- संवेदनशील व अतिसंवेदनशील केंद्रों पर रहेगी विशेष नजर
- यूपी बोर्ड परीक्षा में कुल 1,77,7,11 छात्र-छात्राएं शामिल होंगें
- परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे से कंट्रोल रूम जीजीआईसी से हो रही
आजमगढ़ में हाईस्कूल व इंटर की परीक्षा कड़ी सुरक्षा के बीच आज 22 फ़रवरी से शुरूवात हुई, जो 9 मार्च तक चलेंगी। दो पालियों में आयोजित परीक्षा में पहली पाली हाईस्कूल की, वहीं दूसरी पाली में इंटर की परीक्षा हो रही। पहले दिन प्रथम पाली में 10वीं का हिंदी पेपर तथा 12वीं का भी हिंदी की परीक्षा होगी।
30 सेक्टर मजिस्ट्रेट की ड्यूटी लगाई गई है
जिले के 276 केन्द्रों परीक्षा पर निगरानी रखने के लिए सभी केंद्रों पर 276 स्टेटिक मजिस्ट्रेट की तैनाती रहेगी। इस परीक्षा को लेकर पूरे जनपद को 30 सेक्टर, 8 जोन और 4 सुपरजोन में बांटा गया है। जहां 30 सेक्टर मजिस्ट्रेट की ड्यूटी लगाई गई है।
यूपी बोर्ड परीक्षा को लेकर अबकी बार समय का परिवर्तन किया गया, जहां हाईस्कूल की सुबह 8:30 से 11:45 बजे तक तो वहीं इंटरमीडिएट की दोपहर 2 बजे से 5:15 बजे तक होगी।
कुल कक्ष निरीक्षक 7530 की संख्या में लगाई गई
आजमगढ़ जिले में यूपी बोर्ड की परीक्षा को संपन्न कराने के लिए कुल कक्ष निरीक्षक 7530 की संख्या में लगाई गई है। जिसमें 2700 माध्यमिक के जिन्हें अपने विद्यालय पर, वहीं 2100 माध्यमिक के जिनको दूसरे विद्यालय पर लगाया गया है, जबकि 2730 बेसिक शिक्षा विभाग से अध्यापकों की ड्यूटी लगाई गई है। परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे से कंट्रोल रूम जीजीआईसी से हो रही, जहां संवेदनशील व अतिसंवेदनशील केंद्रों पर विशेष नजर रखी जा रही है। बता दें की जिले के 276 परीक्षा केन्द्रों में 8 राजकीय, 87 अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालय, 181 वित्त विहीन विद्यालय शामिल हैं।
यूपी बोर्ड परीक्षा में कुल 1,77,7,11 छात्र-छात्राएं शामिल होंगें
यूपी बोर्ड परीक्षा में कुल 1,77,7,11 छात्र-छात्राएं शामिल होंगें। इनमें हाईस्कूल में छात्र 49352 एवं छात्राएं 44169 44 समेत कुल 93,521 की संख्या होगी। तो वहीं इंटरमीडिएट में छात्र 43700 एवं छात्राएं 40490 समेत कुल 84190 की संख्या में शामिल हैं। पहले दिन बच्चों ने अपने माता-पिता से आशीर्वाद लिया तो वहीं किसी ने मंदिर में मत्था टेक बेहतर परीक्षा होने की मन्नत मांगी। परीक्षा केंद्रों पर पहले दिन बच्चों को थोड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ा। केंद्रों के बाहर खड़े होकर स्कूल के बाहर लगाये गये कक्षावार रोल नंबर चार्ट में बच्चे अपना कक्ष देखते रहे। काफी संख्या में अभिभावक भी अपने बच्चों को परीक्षा दिलाने के लिए पहुंचे।