सपा मुखिया अखिलेश यादव के पास किसका आया फोन, तय हो गया सपा-कांग्रेस का गठबंधन

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लखनऊ। के लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में सीट शेयरिंग को लेकर चल रही खींचतान आज थम गई।सीटों को लेकर सपा और कांग्रेस की रजामंदी हो गई है।सपा ने कांग्रेस को वाराणसी और प्रयागराज सहित कुल 17 लोकसभा सीटें दी हैं।सपा मुखिया अखिलेश यादव ने बयान जारी करते हुए कहा कि यूपी में कांग्रेस के साथ गठबंधन होगा।बरहाल दोनों दलों के बीच गठबंधन कराने में प्रियंका गांधी वाड्रा ने अहम भूमिका निभाई है।

गठबंधन की घोषणा से ठीक एक घंटे पहले प्रियंका गांधी वाड्रा की अखिलेश यादव से फोन पर बातचीत हुई।इसके बाद गठबंधन फाइनल किया गया।बुलंदशहर या आगरा की जगह श्रावस्ती सीट देने पर अखिलेश ने सहानुभूति पूर्वक विचार करके शाम तक जवाब देने को कहा है।इसके बाद ही अखिलेश और प्रियंका सहमत हो गए और गठबंधन पर मुहर लग पाई।राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा 24 फरवरी को दूसरी बार मुरादाबाद से शुरू हो रही है।इसमें पहली बार प्रियंका शामिल होंगी।इसलिए प्रियंका चाहती थीं कि उससे पहले कांग्रेस और सपा के बीच समझौता हो जाए।

गठबंधन को लेकर पूछे गए सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि अंत भला तो सब भला…हां, गठबंधन होगा कोई विवाद नहीं है,सब कुछ जल्द ही स्पष्ट होगा,सामने आ जाएगा, कुछ घंटों में सबकुछ सामने होगा।बता दें कि कांग्रेस और सपा द्वारा इस बाबत एक जॉइंट प्रेस कांफ्रेंस भी की जा सकती है।

इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में 17 सीटें मिली हैं,जिसमें रायबरेली, अमेठी, कानपुर, फतेहपुर सीकरी, बांसगांव, सहारनपुर सीट शामिल है।इसके अलावा प्रयागराज, महाराजगंज, वाराणसी, अमरोहा, झांसी, बुलंदशहर, गाजियाबाद, मथुरा, सीतापुर, बाराबंकी और देवरिया पर भी कांग्रेस का उम्मीदवार गठबंधन प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतरेगा। सूत्रों के मुताबिक अभी एक या दो सीटों पर संशोधन प्रस्तावित है, यानी बदलाव देखने को मिल सकता है।

*लखनऊ। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में सीट शेयरिंग को लेकर चल रही खींचतान आज थम गई।सीटों को लेकर सपा और कांग्रेस की रजामंदी हो गई है।सपा ने कांग्रेस को वाराणसी और प्रयागराज सहित कुल 17 लोकसभा सीटें दी हैं।सपा मुखिया अखिलेश यादव ने बयान जारी करते हुए कहा कि यूपी में कांग्रेस के साथ गठबंधन होगा।बरहाल दोनों दलों के बीच गठबंधन कराने में प्रियंका गांधी वाड्रा ने अहम भूमिका निभाई है।गठबंधन की घोषणा से ठीक एक घंटे पहले प्रियंका गांधी वाड्रा की अखिलेश यादव से फोन पर बातचीत हुई।इसके बाद गठबंधन फाइनल किया गया।बुलंदशहर या आगरा की जगह श्रावस्ती सीट देने पर अखिलेश ने सहानुभूति पूर्वक विचार करके शाम तक जवाब देने को कहा है।इसके बाद ही अखिलेश और प्रियंका सहमत हो गए और गठबंधन पर मुहर लग पाई।राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा 24 फरवरी को दूसरी बार मुरादाबाद से शुरू हो रही है।इसमें पहली बार प्रियंका शामिल होंगी।इसलिए प्रियंका चाहती थीं कि उससे पहले कांग्रेस और सपा के बीच समझौता हो जाए।गठबंधन को लेकर पूछे गए सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि अंत भला तो सब भला…हां, गठबंधन होगा कोई विवाद नहीं है,सब कुछ जल्द ही स्पष्ट होगा,सामने आ जाएगा, कुछ घंटों में सबकुछ सामने होगा।बता दें कि कांग्रेस और सपा द्वारा इस बाबत एक जॉइंट प्रेस कांफ्रेंस भी की जा सकती है।इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में 17 सीटें मिली हैं,जिसमें रायबरेली, अमेठी, कानपुर, फतेहपुर सीकरी, बांसगांव, सहारनपुर सीट शामिल है।इसके अलावा प्रयागराज, महाराजगंज, वाराणसी, अमरोहा, झांसी, बुलंदशहर, गाजियाबाद, मथुरा, सीतापुर, बाराबंकी और देवरिया पर भी कांग्रेस का उम्मीदवार गठबंधन प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतरेगा। सूत्रों के मुताबिक अभी एक या दो सीटों पर संशोधन प्रस्तावित है, यानी बदलाव देखने को मिल सकता है।


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