बुलंदशहर–रिपोर्ट जावेद खान
उत्तर प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष सैयद मुनीर अकबर ने कहा कि भाजपा सरकार ने 2024 का चुनाव जिताने के लिए भारत रत्न का इस्तेमाल किए गए अभी हाल में जितने भी भारत रत्न बांटे गए हैं उसके पिछे की मंशा को जरूर ढूंढे जैसे बिहार में कृपूरी ठाकुर को भारत रत्न की घोषणा हुई
ओर सत्ता में बैठे एक दल ने पलटा खाया.. घंटों में बीजेपी बिहार की सरकार में शामिल हो गयी। यूपी में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न की घोषणा हुई ओर चौधरी चरण सिंह के पोते जयंत चौधरी ने पलटी मारने के लिए कमल के फूल पर खड़े होकर कसरत करनी शुरू कर दी गई।अभी हाल ही में जितने भी भारत रत्न बांटे गए हैं के पिछे की मंशा को जरूर ढूंढे, यही एक ऐसा सम्मान है जिसमें भारत नाम भी जुड़ा है, यही वह सम्मान है जो किसी व्यक्ति विशेष को गर्व से भर देता है। खैर.. मैं सम्मान की आलोचना तो नहीं करूंगा लेकिन सम्मान देने के समय को जरूर सोचूंगा कि यह अभी क्यों किया गया,
अगर सच में प्रधानमंत्री मोदी की नजरों में यह सभी इतने महत्वपूर्ण थे तो गुज़रे सालों में इनके नामों की घोषणा क्यों नहीं की गई..? तो क्या सच में भारत रत्न का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ के लिए किया जाने लगा है..? हां..अब ऐसा होने लगा है ओर इसके तुरंत परिणाम भी देखे जा सकते हैं।आजादी के बाद इसी सरकार ने राजनीति में गंदे नालों के प्रवाह को खुली आजादी से खोलकर अपनी उपलब्धि में शामिल किया है। झूठे चरित्र को मेकअप कर अपने साथ जोड़ा गया ओर अपने से पूर्व की सरकारों को अपनी दूषित जुबान से कंठस्थ शब्दों से अपराधी भी घोषित किया गया।पहली बार देखा जा रहा है कि यह सरकार बात तो भविष्य की करती है और वर्तमान की बात पूछें तो 60 सालों पहले के नेहरू को खड़ा कर दिया जाता है। अपनी नाकामी को विज्ञापनों के माध्यम से उपलब्धि बता दी जाती है और पूर्व की सरकारों की उपलब्धि को भी अपने किचड़ से मेला कर दिखाया जाता है।
सहयोगी मीडिया इसके लिए अपने वार्षिक लाभ के लिए देश को श्रीलंका या पाकिस्तान की श्रेणी में खड़ा करने से पीछे नहीं है।भारत रत्न के महत्व को समझने की अब जरूरत नहीं समझी जा रही,अब अपने महत्व के लिए उस स्थान के व्यक्ति के चुनाव को महत्व दिया जाता है जहां से चुनावी लाभ निकाला जा सके। भारत रत्न के सम्मान को नहीं देखा जाता, अब तो अपने राजनीतिक सम्मान को बढ़ाने के लिए भारत रत्न का इस्तेमाल किया जाता है।भारत रत्न अब किसी व्यक्ति के सम्मान के लिए नहीं बल्कि अब राजनीतिक सौदेबाजी के लिए दिया ओर बदले में लिया जाने के लिए दिया जाता है। पहले भारत रत्न की घोषणा राष्ट्रपति द्वारा की जाती थी और अब इसकी घोषणा प्रधानमंत्री करते हैं।