उत्तरकाशी। जनपद के ऊंचाई वाले इलाकों में बुधवार और बृहस्पतिवार को जमकर बर्फबारी हुई। शुक्रवार को मौसम खुला और चटक धूप खिली। परंतु बर्फबारी के कारण गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे सहित 10 मोटर मार्ग अभी भी अवरुद्ध है। जिन मोटर मार्गों से बर्फ हटाई गई है। उन मार्गों पर फिसलन का खतरा बना हुआ।
हर्षिल घाटी में 40 से अधिक पर्यटक पिछले तीन दिनों से फंसे हुए हैं। भले ही गत दो दिनों तक इन पर्यटकों ने हर्षिल में बर्फबारी का आनंद लिया। जो अभी होटल व होमस्टे में ठहरे हुए हैं। सीमा सड़क संगठन की टीम गंगोत्री राजमार्ग खोलने में जुटी हुई है।
सड़क पर चलना खतरनाक
शुक्रवार की शाम को गाड़ी के टायरों पर चेन लगाकर केवल एक स्थानीय वाहन किसी तरह हर्षिल पहुंच पाया। इसके अलावा तरह मोरी के सांकरी क्षेत्र में भी 20 से अधिक पर्यटक ठहरे हुए हैं। जो बर्फबारी का आनंद ले रहे। दयारा बुग्याल के बेस कैंप गांव रैथल, बर्सू, चौरंगी, राड़ी टॉप सहित आदि स्थानों पर स्थानीय पर्यटक बर्फबारी देखने के लिए पहुंचे हैं।
बर्फबारी से कई राजमार्ग हैं बंद
उत्तरकाशी जनपद में बुधवार से शुरू हुई बर्फबारी बृहस्पतिवार की रात तक जारी रही। बर्फबारी के कारण गंगोत्री, यमुनोत्री राजमार्ग सहित 17 सड़कें बाधित हुई। जिनमें कुछ सड़कों को लोनिवि, एनएच और बीआरओ की टीम ने खोल दिया है। परंतु सभी मार्ग फिसलने भरे बने हुए हैं।
मार्गों पर बना हुआ है खतरा
गंगोत्री राजमार्ग सुक्की से लेकर झाला के बीच बीआरओ ने खोल दिया है। परंतु इस मार्ग पर फिसलन बनी हुई है। धरासू यमुनोत्री मार्ग राड़ीटॉप क्षेत्र और हनुमान चट्टी से फूलचट्टी तक खोल दिया है। यहां मार्ग जोखिम भारा बना हुआ है। फूलचट्टी से जानकी चट्टी तक अभी हाईवे बंद है। इसी तरह से केदारकांठा के बेसकैंप गांव सांकरी में भी पर्यटकों की संख्या बढ़ने लगी है।
पर्यटकों से गुलजार हुआ पहाड़
सांकरी निवासी चैन सिंह रावत ने कहा कि दिल्ली, देहरादून सहित कई जगह से पर्यटक पहुंचे हैं। अधिकांश पर्यटकों ने पहली बार बर्फबारी देखी है। गांव में पर्यटक होम स्टे में ठहर कर पहाड़ी भोजन का भी स्वाद ले रहे हैं। साथ ही ग्रामीणों का विकट जीवन को भी करीबी से देख रहे हैं। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि बंद मार्गों को खोला जा रहा है। जिन मार्गों से बर्फ हटाई जा रही है उनमें आवाजाही करना जोखिम भरा है।