वाराणसी ज्ञानवापी मामले में पिछले दिनों आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया की रिपोर्ट सामने आने के बाद आज एक बड़ा और महत्वपूर्ण फैसला वाराणसी जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश ने सुनाया है जिला जज की तरफ से स्पष्ट रूप से आदेश दिया गया है कि हिंदू पक्ष व्यास जी के तहखाना और दक्षिणी हिस्से यानी जो बड़ा नदी है उसके सामने के हिस्से में प्रवेश करके पूजा पाठ कर सकता है इस पूजा पाठ को शुरू करने के लिए विश्वनाथ मंदिर न्यास को एक पुजारी नियुक्त करके एक सप्ताह के अंदर पूजा शुरू करने का आदेश दिया गया है
इसके बाद अब वादी पक्ष की महिलाएं बेहद खुश हैं रेखा पाठक का कहना है कि अब हम अंदर जाकर पूजा कर सकेंगे इससे बड़ी खुशी की बात कोई नहीं है यह हमारे लिए बड़ी जीत है कि कोर्ट नहीं है स्पष्ट कर दिया है कि ज्ञानवापी का स्थान हिंदुओं का है और वहां पर पूजा होती रही है वहीं इस मामले में सोमनाथ व्यास जो दिवंगत हो चुके हैं उनके नाती शैलेंद्र पाठक की तरफ से दी गई एप्लीकेशन के बाद आज फैसले को दृष्टिगत रखते हुए उनके वकील विष्णु शंकर जैन सुधीर त्रिपाठी और सुभाष नंदन चतुर्वेदी का कहना है कि स्पष्ट तौर पर 1993 तक हो रही पूजा पाठ को आधार बनाकर हमारे तरफ से यहां पर पूजा का अधिकार मांगा गया था जिस पर कोर्ट ने अपना स्पष्ट निर्देश सुनाया है इस स्थान का अपना महत्व है जहां पर सोमनाथ व्यास लंबे वक्त तक रामचरितमानस का पाठ और पूजा पाठ करते रहे वहीं इस मामले में वादी लिंगायत महाराज का कहना है
की मैं खुद अंदर गया हुआ हूं यहां पर भगवान आदि विशेश्वर का शिवलिंग होने के साथ ही भगवान गणेश विष्णु सूर्या और हनुमान की प्रतिमाएं मौजूद थी जिसकी पूजा पाठ हम लोग करते थे और आज पुणे से पूजा पाठ का अधिकार मिलने के बाद हमारे लिए यह बेहद खुशी की बात है कि दक्षिण के हिस्से में व्यास जी के तहखाना में पूजा पाठ की अनुमति हमें मिल गई है
और अब हम अंदर जाकर इसमें पूजा पाठ कर सकते हैं बता दें कि यह तहखाना विश्वनाथ मंदिर परिसर के ठीक सामने ज्ञानवापी के नीचे है जो बड़ा नदी विश्वनाथ मंदिर परिसर में है उसके सामने के हिस्से में ही यह तहखाना है जो मार्केटिंग की वजह से 1993 से बंद है मुख्य वाद प्लाट नंबर 9130 यह वही विवादित हिस्सा है जो ज्ञानवापी का मुख्य हिस्सा माना जाता है जहां पर जाने की अनुमति मिलने के बाद यह वादी पक्ष की बड़ी जीत मानी जा सकती है