वोटिंग से लेकर डेली अलाउंस तक, सस्पेंड सांसदों को नहीं मिलेंगे ये अधिकार

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संसद के दोनों सदनों से निलंबित किए गए 141 सांसदों को सदन से जुड़ी किसी भी गतिविधि में शामिल होने की अनुमति नहीं है. इसे लेकर लोकसभा सचिवालय ने सर्कुलर के जरिए सांसदों के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं. निलंबित सांसदों को संसद चैंबर, लॉबी , गैलरी में जाने की इजाजत नहीं होगी और ना ही वह संसदीय गतिविधियों जैसी कि वोटिंग या अन्य कार्यक्रमों में हिस्सा ले सकेंगे.

सोमवार (18 दिसंबर) 78 और मंगलवार (19 दिसंबर) को 49 सांसदों को निलंबित किया था तो कुल मिलाकर 141 सांसद अब तक सस्पेंड किए जा चुके हैं. लोकसभा के 95 और राज्यसभा के 46 सांसदों को निलंबित किया गया. लोकसभा सचिवालय ने निलंबित सांसदों को लेकर सर्कुल जारी किया और बताया कि निलंबन की अवधि तक इन सांसदों को किस-किस चीज की अनुमति नहीं होगी.

संसदीय समितियों की बैठक में शामिल होने और वोटिंग का अधिकार नहीं


सर्कुलर में कहा गया कि निलंबित सांसद संसदीय समितियों की बैठकों में हिस्सा नहीं ले सकेंगे. अगर कोई निलंबित सांसद किसी संसदीय समिति का हिस्सा है तो सस्पेंशन की अवधि तक उन्हें किसी भी बैठक में शामिल होने की इजाजत नहीं होगी. इसके साथ ही कार्य सूची में भी उनका नाम नहीं रहेगा. इसके अलावा, सस्पेंशन पीरियड में निलंबित सांसदों की ओर से दिया गया कोई भी नोटिस स्वीकार्य नहीं होगा. ये सांसद अपने निलंबन की अवधि के दौरान होने वाले समितियों के चुनाव में मतदान नहीं कर सकते.

दैनिक भत्ते के भी हकदार नहीं


सर्कुलर में निलंबित सांसदों के डेली अलाउंस का भी जिक्र किया गया है. इसमें कहा गया कि अगर कोई सांसद पूरे सेशन के लिए निलंबित हो तो वह निलंबन की अवधि या पूरे सेशन के लिए दैनिक भत्ते के हकदार नहीं होंगे. संसद सदस्यों के वेतन, भत्ते और पेंशन अधिनियम, 1954 की धारा 2 (डी) के तहत ऐसा कहा गया है.

किन सांसदों को किया गया निलंबित
141 सदस्यों को शेष सत्र तक के लिए सस्पेंड किया गया है. निलंबित सदस्यों में कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी, एंटो एंटोनी, के मुरलीधरन, के सुरेश, अमर सिंह, राजा मोहन उन्नीथन, गौरव गोगोई प्रमोद तिवारी, जयराम रमेश, अमी याज्ञिक, नारणभाई जे राठवा, सैयद नासिर हुसैन, फूलो देवी नेताम, शक्तिसिंह गोहिल, के.सी. वेणुगोपाल, रजनी पाटिल, रंजीत रंजन, इमरान प्रतापगढ़ी, रणदीप सिंह सुरजेवाला शामिल हैं.

इनके अलावा, तृणमूल कांग्रेस के सुखेन्दु शेखर रे, मोहम्मद नदीमुल हक, अबीर रंजन विश्वास, शांतनु सेन, मौसम नूर, प्रकाश चिक बड़ाइक, समीरुल इस्लाम, कल्याण बनर्जी, अपरुपा पोद्दार, प्रसून्न बनर्जी, सौगत राय, शताब्दी राय, असित कुमार मंडल, प्रतिमा मंडल, काकोली घोष दस्तीदार और सुनील कुमार मंडल हैं.

द्रमुक के कितने सांसद
द्रमुक के एम. शनमुगम, एन.आर. एलानगो, कनिमोझी एनवीएन सोमू, आर गिरिराजन, टी आर बालू, ए. राजा, दयानिधि मारन, जी सेल्वम, सीएन अन्नादुरई, डॉ. टी सुमति, के वीरासामी, एस एस पल्ली मणिक्कम और रामलिंगम भी निलंबित किए गए हैं. आरजेडी के मनोज कुमार झा और फैयाज अहमद, वी. शिवदासन (माकपा), रामनाथ ठाकुर एवं अनिल प्रसाद हेगड़े (जद यू), वंदना चव्हाण (राकांपा), रामगोपाल यादव, जावेद अली खान (सपा), महुआ माजी (झामुमो), जोस के. मणि एवं अजीत कुमार भुइयां भी शामिल हैं. लोकसभा ने आईयूएमएल के ई टी मोहम्मद बशीर और के नवासिकानी को निलंबित किया है, जबकि आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन, जदयू के कौशलेन्द्र कुमार और वीसीके तिरुवक्कससर भी निलंबित सदस्यों में शामिल हैं.

इसके साथ ही 11 अन्य सदस्यों को भी निलंबित किया गया है. उन्हें विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक के लिए निलंबित कर दिया. समिति से कहा गया है कि वह इन 11 सदस्यों के आचरण के संबंध में अपनी रिपोर्ट तीन महीने के अंदर पेश करेगी. 11 सदस्यों में जेबी माथेर हिशाम, एल. हनुमंथैया, नीरज डांगी, राजमणि पटेल, कुमार केतकर, जी.सी. चन्द्रशेखर, बिनय विश्वम, संतोष कुमार पी, एम. मोहम्मद अब्दुल्ला, जॉन ब्रिटास और ए.ए. रहीम शामिल हैं.


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