उत्तराखंड की पहली योग नीति का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया। इस नीति में योग, नेचुरोपैथी, आध्यात्मिक के लिए बुनियादी ढांचा विकसित करने के लिए प्रदेश सरकार अधिकतम 50 प्रतिशत सब्सिडी देगी।
इसके अलावा आयुष हेल्थ वेलनेस सेंटरों और स्कूलों में भी योग को बढ़ावा दिया जाएगा। आयुष विभाग ने नीति के ड्राफ्ट पर हितधारकों से भी सुझाव मांगे हैं। उत्तराखंड को अंतरराष्ट्रीय योग हब बनाने के लिए प्रदेश सरकार प्रयासरत है। हर साल पर्यटन विभाग की ओर से ऋषिकेश में अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव आयोजित किया जाता है।
लेकिन, अभी तक प्रदेश में योग की बुनियादी सुविधाएं विकसित करने के लिए कोई नीति नहीं थी। राज्य में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार ने 27 से अधिक नीतियां लागू की है। इसी तर्ज पर पहली बार योग नीति बनाई जा रही है। आयुष विभाग ने इस नीति का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। जल्द ही सरकार इस नीति को मंजूर दे सकती है।
नीति में ये प्रावधान
प्रदेश में योग, आध्यात्मिक और नेचुरोपैथी सेंटर स्थापित करने के लिए सरकार वित्तीय प्रोत्साहन देगी। पर्यटन नीति के अनुसार बी और सी श्रेणी में चयनित पर्वतीय क्षेत्रों में योग और आध्यात्मिक सुविधाओं में निवेश करने पर 50 प्रतिशत सब्सिडी देने का प्रावधान किया जा रहा है। इसके अलावा आयुष नीति के तहत पांच प्रतिशत अतिरिक्त सब्सिडी जाएगी। इस नीति को लागू करने के लिए आयुर्वेद एवं यूनानी विभाग नोडल होगा। निवेश प्रस्ताव को सिंगल विंडो सिस्टम से मंजूरी दी जाएगी।
उत्तराखंड को योग का हब बनाने के लिए पहली बार नीति बनाई जा रही है। इस नीति पर लोगों और हितधारकों से सुझाव मांगे गए हैं। महत्वपूर्ण सुझाव को शामिल कर प्रस्ताव मंजूरी के लिए कैबिनेट में रखा जाएगा।
-डॉ. पंकज कुमार पांडेय, सचिव आयुष