एसटीएफ ने साइबर ठगी का किया पर्दाफाश,28 करोड़ की साइबर धोखाखड़ी का था मामला

Spread the love

देहरादून :उत्तराखंड पुलिस की एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने नामी कंपनियों की फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के एक और ठग को गिरफ्तार किया है। इस मामले में अब तक 28 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की बात सामने आई है।

एसटीएफ ने गिरोह के एक सदस्य को कुछ दिन पहले लुधियाना से गिरफ्तार किया था। उसकी निशानदेही पर अब दूसरे ठग को राजस्थान के जोधपुर से गिरफ्तार किया गया है। आरोपित के विरुद्ध राजस्थान में छह मुकदमे दर्ज हैं, जबकि 20 राज्यों की पुलिस उसे ढूंढ रही थी।

पार्ट टाइम नौकरी के नाम पर हो रही धोखाधड़ी

एसएसपी (एसटीएफ) आयुष अग्रवाल ने बताया कि अजबपुर कलां निवासी बजाज फाइनेंस कंपनी के क्षेत्रीय प्रबंधक सन्नी जैन ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई थी। करीब पांच माह पूर्व सन्नी जैन के वाट्सएप नंबर पर एक अंजान व्यक्ति का मैसेज आया, जिसने खुद को करियर बिल्डर कंपनी के मानव-संसाधन विभाग का अधिकारी बताया।

अज्ञात व्यक्ति ने सन्नी को प्रतिदिन तीन से आठ हजार रुपये कमाने का झांसा देकर पार्ट टाइम नौकरी का प्रलोभन दिया। इसके बाद उसने वाट्सएप नंबर पर दो लिंक भेजकर सन्नी से टेलीग्राम एप डाउनलोड करवाया और फिर उसे अपने टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ दिया।

फोन हैक कर उड़ाए पैसे

टेलीग्राम ग्रुप में जुड़ने के साथ ही सन्नी का मोबाइल हैक हो गया। सन्नी के मोबाइल नंबर पर 25 जून को बैंक खाते से 30 हजार रुपये निकलने का मैसेज आया। उन्होंने बैंक जाकर पता किया तो पता चला कि उनके खाते से 30 हजार रुपये नहीं बल्कि 14 लाख, 18 हजार रुपये निकाले गए हैं।

सन्नी जैन की शिकायत पर एसटीएफ ने साइबर थाने में अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया। जांच टीम ने इस प्रकरण में आरोपित हरमीत सिंह बेदी निवासी सेक्टर 32ए, चंडीगढ़ रोड थाना डिवीजन नंबर सात, लुधियाना, पंजाब को आठ अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। आरोपित से पूछताछ के आधार पर गिरोह के एक अन्य सदस्य मोहम्मद वकार निवासी तेलिया का वास, त्यूरी, थाना मथानिया, जोधपुर, राजस्थान को रविवार को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया।

ऐसे करते हैं धोखाधड़ी

एसटीएफ के अनुसार, गिरोह के सदस्य नामी कंपनियों की फर्जी वेबसाइट बनाकर आमजन से वाट्सएप, ईमेल आदि के माध्यम से संपर्क कर पार्ट टाइम नौकरी दिलाने का झांसा देते हैं। फिर वह विभिन्न टास्क देते हैं। इसके तहत यूट्यूब पर चैनल सब्सक्राइब कर वीडियो लाइक करने का टास्क दिया जाता है। साथ ही निवेश कर अधिक मुनाफा कमाने का लालच दिया जाता है। कम रकम निवेश करने पर ठग मुनाफे के साथ व्यक्ति को रकम लौटा देते हैं। इस प्रकार वह लालच में ज्यादा रकम निवेश करता है, लेकिन यह रकम साइबर ठग गायब कर देते हैं और उसके बाद अपने फोन बंद कर देते हैं।

क्रिप्टो ट्रेडिंग में लगाते हैं ठगी के पैसे

आरोपित इस काम के लिए फर्जी सिम, फर्जी आईडी कार्ड समेत अन्य दस्तावेजों इस्तेमाल करते हैं। इस मामले में टेलीग्राम चैनल का संचालन भी दुबई से किया जा रहा है। ठगी की रकम क्रिप्टो ट्रेडिंग में लगा दी जाती है।

इन राज्यों की पुलिस को थी ठग की तलाश

एसएसपी ने बताया कि जांच में गिरोह की ओर से देशभर में 28 करोड़ की धोखाधड़ी सामने आई है। गिरफ्तार किए गए आरोपित मोहम्मद वकार की तलाश उत्तराखंड पुलिस के अलावा आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, दिल्ली, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, गुजरात, हिमाचल, केरल, ओडिशा, पंजाब, बंगाल, तेलंगाना, हरियाणा और छत्तीसगढ़ की पुलिस को भी थी। आरोपित के पास से चार मोबाइल, चेक बुक व कुछ मोहरें बरामद हुई हैं।


Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *