करवा चौथ का व्रत हर सुहागन स्त्री के लिए खास,जानें कितने बजे तक रहेगा पूजा-अर्चना का शुभ मुहूर्तकरवा

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Karwa Chauth 2023: जीवनसाथी की दीर्घायु के लिए सुहागिनें सोलह शृंगार के साथ आज करवा चौथ (Karwa Chauth) का व्रत रखेंगी। रात 8:26 बजे चांद का दीदार होगा। पूजा-अर्चना का शुभ मुहूर्त शाम 5:44 से 7:02 तक रहेगा। बीती शाम यानी मंगलवार को पर्व की पूर्व संध्या पर शृंगार, मेहंदी, पूजा व व्रत से जुड़ी सामग्री की खरीदारी को लेकर बाजार गुलजार रहे।

मंगलवार की देर रात तक मेहंदी लगवाने के लिए महिलाओं की होड़ लगी रही। ज्यादा भीड़ के कारण देर शाम पलटन बाजार में पैदल चलने वालों को भी काफी परेशानी हुई। लाइन में लगकर महिलाओं को खरीदारी व मेहंदी लगवाने के लिए इंतजार करना पड़ा। ग्राहकों की भीड़ देखकर दुकानदार खासा उत्साहित दिखे।

कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को पड़ता है चौथ

पति-पत्नी के स्नेह व समर्पण के भाव को दर्शाता करवा चौथ कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं अखंड सौभाग्य व सुखी दांपत्य जीवन की प्राप्ति के लिए निर्जल व्रत रखतीं हैं। रात में चांद को अर्घ्य देने के बाद पति के हाथ से पहला निवाला लेकर व्रत खोलती हैं। करवा चौथ की पूर्व संध्या पर महिलाओं ने करवा, कैलेंडर, शृंगार का सामान, सजावटी छलनी, थाली, सीक, साड़ियां आदि सजने-संवरने का सामान खरीदा। इसके अलावा मिष्ठान, फल, ड्राइफ्रूट आदि दुकानों पर भी ग्राहकों की भारी भीड़ रही।

सुबह से शाम तक बढ़ते गए मेहंदी के दाम

पलटन बाजार, झंडा बाजार में जैसे-जैसे दिन निकलता गया मेहंदी लगवाने के लिए दाम भी बढ़ते गए। शाम को सबसे ज्यादा दामों में महिलाओं ने मेहंदी लगवाई। सुबह छापे वाली मेहंदी के दाम 50 रुपये, हाथ के लिए 200, जबकि कोहनी तक मेहंदी लगाने के 400 रुपये लिए जा रहे थे, जिनके दाम शाम तक क्रमश: 80, 300 व 600 रुपये तक पहुंच गए।

लोग खुले दिल से किए खरीदारी

कोतवाली के पास आरसी फैंसी स्टारे के संचालक मोहित भटनागर ने बताया कि लोग खरीदारी खुले दिल से कर रहे हैं। कास्मेटिक सामान के लिए विभिन्न पैक बनाए गए हैं। ग्राहक जिसकी मांग करता है उसका पैकेट बनाया गया। कास्मेटिक सामान के गिफ्ट पैक भी ग्राहकों को खूब पसंद आ रहे हैं। कारोबार पहले से बेहतर है।

व्यापारियों को उम्मीद का बढ़ा कारोबार

मेहंदी लगवाने के लिए महिलाओं में खासा क्रेज दिखा। इस बार पार्लर के साथ ही मेहंदी वालों के पास एडवांस बुकिंग आ चुकी थी। देर रात तक पलटन बाजार, सहारनपुर चौक, पटेलनगर, प्रेमनगर, धर्मपुर, राजपुर समेत विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं ने थ्री-डी, मारवाड़ी, अरेबियन, जोधपुरी डिजाइन में मेहंदी लगवाई। इसके अलावा हेयर कटिंग, फेशियल के साथ पार्लर में दिनभर भीड़ रही।

स्टोन वाली छलनी की ज्याद डिमांड

इस बार आर्टिफिशियल ज्वेलरी, शृंगार के सामान के साथ ही स्टोन वाली छलनी की मांग अधिक रही। बाजार में महिलाओं ने खरीदारी की। पलटन बाजार के व्यापारी आशीष ने बताया कि हर वर्ष कुछ न कुछ नया होता है। इस बार स्टोन लगी छलनी विशेष है, जिसकी मांग भी काफी है।

पर्ची काटने के बाद भी घंटेभर तक करना पड़ा इंतजार

पलटन बाजार, सहारनपुर चौक में दोपहर के बाद मेहंदी लगवाने वालों के पास भीड़ उमड़ी पड़ी। ऐसे में दुकानदारों ने महिलाओं की मेहंदी लगवाने के लिए पर्ची काटी। जिसकी पर्ची कटती गई वह लाइन में मेहंदी लगवाने पहुंचा। हालांकि, शाम के वक्त भीड़ काफी बढ़ गई। ऐसे में मेहंदी लगवाने के लिए एक घंटे तक इंतजार करना पड़ा।

चमक उठा सर्राफा बाजार

धामावाला बाजार, झंडा बाजार, प्रेमनगर समेत विभिन्न क्षेत्रों में ज्वेलरी की दुकानों पर खूब खरीदारी हुई। महिलाओं के लिए अंगूठी, पायल, मंगलसूत्र की सबसे अधिक मांग रही। विभिन्न डिजाइन में इन्हें सजाया गया। सर्राफा मंडल देहरादून के अध्यक्ष सुनील मेसोन ने बताया कि ब्राइडल ज्वेलरी, गोल्ड व डायमंड चूड़ियों की भी मांग अधिक रही। इस वर्ष पिछली बार के मुकाबले कारोबार बेहतर रहा। आने वाले त्योहार व विवाह सीजन के लिए भी अच्छे कारोबार की उम्मीद है।

जरकन, मेटल व वेलवेड चूड़ी का क्रेज अधिक

कोतवाली के पास चूड़ियों की दुकान लगाने वाले मोहम्मद नदीम ने बताया कि कढ़े के अलावा जरकन, मेटल व वेलवेड की चूड़ी व ब्राइडल चूड़ियों की अधिक मांग रही। हर तीसरे ग्राहक की यह पसंद रही। चूड़ी बाजार में खास बात यह रही कि जो दाम पिछले वर्ष थे उसमें इजाफा नहीं हुआ। ऐसे में खुद के लिए व दूसरों के लिए भी महिलाओं ने खूब चूड़ियां खरीदी।

9:20 बजे तक रहेगी चतुर्थी

उत्तराखंड विद्वत सभा के अध्यक्ष आचार्य बिजेंद्र प्रसाद ममगाईं के अनुसार, करवा चौथ (Karwa Chauth) का मुहूर्त मंगलवार रात 9:30 बजे से बुधवार रात 9:20 बजे तक रहेगा। चंद्रोदय रात 8:26 बजे तक हो जाएगा। पौराणिक मान्यता के अनुसार, मां पार्वती ने प्रथम बार भगवान शिव के लिए निर्जला व्रत रखा था। इसके अलावा मां सीता व मां द्रोपदी ने भी यह व्रत किया था। उन्होंने ही करवा का उपयोग किया, तब से यह परंपरा शुरू हुई। इस दिन माता पार्वती, शिव, गणेश, कार्तिकेय और चंद्रमा की पूजा होती है।

यह है पूजा का विधान

सुबह स्नान के बाद हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प लें और निर्जला उपवास शुरू करें। शाम के समय मिट्टी के बर्तन में वेदी बनाकर शिव परिवार की स्थापना करें। एक थाली में धूप, दीप चंदन, रोली, सिंदूर रखें और घी के दीये जलाएं। चांद निकलने से पहले पूजा की तैयारी करें, चंद्रोदय के साथ पूजा करें। इस समय करवा चौथ की कथा जरूर सुनें अथवा सुनाएं। चांद को छलनी से देखने के बाद जल चढ़ा कर चंद्रमा की पूजा करें। जीवनसाथी के हाथ से जल पीकर व्रत खोलें।


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