इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि प्रेम संबंध के दौरान लंबे समय तक बना शारीरिक संबंध बलात्कार की श्रेणी में नहीं आता, भले ही पुरुष किसी कारण से महिला से शादी करने से इनकार कर दे।
न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता की अध्यक्षता वाली एकल पीठ ने जियाउल्लाह नामक व्यक्ति के खिलाफ बलात्कार के आरोपों को खारिज करते हुए यह फैसला सुनाया, जिसने लंबे समय तक शारीरिक संबंध रखने के बाद अपने प्रेमी से शादी करने से इनकार कर दिया था।
महिला ने जियाउल्लाह के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज कराया था, दोनों पक्ष एक-दूसरे को 15 वर्षों से अधिक समय से जानते थे और वे विपरीत पक्ष के माता-पिता की सहमति से 8 साल से अधिक समय से सक्रिय शारीरिक संबंध में थे।
अभियोजन पक्ष के अनुसार जियाउल्लाह और महिला एक-दूसरे को कई वर्षों से जानते थे और उनके बीच शारीरिक संबंध थे। महिला ने दावा किया कि जियाउल्लाह ने शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाए लेकिन बाद में मुकर गया।
अदालत ने कहा चूंकि, दोनों पक्षों के बीच संबंध लंबे समय से थे और पीड़िता के साथ-साथ उसके परिवार के सदस्यों को भी रिश्ते के परिणामों के बारे में पता था, इसलिए, बाद में इस तरह के रिश्ते का उल्लंघन बलात्कार के अपराध की श्रेणी में नहीं आएगा।