भारत अंतरिक्ष में लगातार अपना कद बढ़ा रहा है.ISRO अपने चंद्रयान-3 मिशन के बाद आदित्य एल-1 को भी आगे बढ़ा चुका है.आदित्य एल-1 भी पृथ्वी से निकलकर अपना कदम अंतरिक्ष में रख चुका है.
आदित्य एल-1 अपने 15 लाख किलोमीटर के सूर्य के मिशन वाले सफर पर चल रहा है.ये भारत का सूर्य का अध्ययन करने वाला पहला अंतरिक्ष अभियान है.लेकिन भारत ऐसा करने वाला पहला देश नहीं है. इससे पहले अमेरिका,यूरोप,जापान और चीन सूर्य के अध्ययन के लिए अंतरिक्ष यान भेज चुका है. इनमें अमेरिका के नासा और यूरोप के कई अभियान शामिल हैं.
बता दें कि सूर्य पर रिसर्च करने के लिए अमेरिका ने अंतरिक्ष में सबसे ज्यादा स्पेस मिशन को भेजा है.नासा ने साल 1997 में एडवांस्ड कंपोजीशन एक्सप्लोरर (एस) नाम का अपना सबसे पहले सूर्य मिशन लॉन्च किया. इसके बाद साल 2006 में नासा ने सोलर टेरेस्ट्रियल रिसेशन्स ऑबजर्वेटरी मिशन को सूर्य मिशन के लिए दोबार लॉन्च किया था.
इसके अलावा जापानी की स्पेस एजेंसी जाक्सा भी सूर्य के अनुसंधान में खासी रुची लेती रही. उनकी सैटेलाइट का काम सूर्य की ज्वालाओं से निकलने वाला एक्स विकरणों का अध्ययन करना था.
वहीं यूरोप की स्पेस एजेंसी ईसा ने 1990 में यूल्योसेस को सूरज के ध्रुव का अध्ययन करने के लिए अंतरिक्ष में भेजा था.