दिल्ली; बेंगलुरु में इसरो वैज्ञानिकों को संबोधित करने के बाद पीएम मोदी दिल्ली पहुंचे. यहां आयोजित नागरिक अभिनंनद कार्यक्रम को पीएम ने संबोधित किया. पीएम ने कहा कि मैं अपनी युवा पीढ़ी को एक T ask देना चाहता हूं. पीएम ने कहा कि होमवर्क दिए बिना बच्चों को काम करने का मजा नहीं आता है. आप सब जानते हैं कि भारत वो देश है, जिसने हजारों वर्ष पूर्व ही धरती के बाहर अनंत अन्तरिक्ष में देखना शुरू कर दिया था. हमारे यहाँ सदियों पहले अनुसंधान परंपरा के आर्यभट्ट, ब्रह्मगुप्त, वराहमिहिर और भाष्कराचार्य जैसे ऋषि मनीषी हुए थे.
पीएम ने आगे कहा कि जब धरती के आकार को लेकर भ्रम था, तब आर्यभट्ट ने अपने महान ग्रंथ आर्यभट्टीय में धरती के गोलकार होने के बारे में विस्तार से लिखा था. उन्होंने axis पर पृथ्वी के rotation और उसकी परिधि की गणना भी लिख दी थी. इसी तरह, सूर्य सिद्धान्त जैसे ग्रन्थों में भी कहा गया है…
सर्वत्रैव महीगोले, स्वस्थानम् उपरि स्थितम्।
मन्यन्ते खे यतो गोलस्, तस्य क्व ऊर्ध्वम क्व वाधः॥
पीएम ने श्लोक का अर्थ बताते हुए कहा कि पृथ्वी पर कुछ लोग अपनी जगह को सबसे ऊपर मानते हैं. लेकिन, ये गोलाकार पृथ्वी तो आकाश में स्थित है, उसमें ऊपर और नीचे क्या हो सकता है? ये उस समय लिखा गया था. ये मैंने सिर्फ एक श्लोक बताया है. ऐसी अनगिनत रचनाएं हमारे पूर्वजों ने लिखी हुई हैं. सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी के एक दूसरे के बीच में आने से ग्रहण की जानकारी हमारे कितने ही ग्रन्थों में लिखीं हुई पाई जाती हैं.
पीएम ने कहा कि भारत के पास विज्ञान के ज्ञान का जो खजाना है, वो गुलामी के लंबे कालखंड में दब गया है, छिप गया है. आजादी के इस अमृतकाल में हमें इस खजाने को भी खंगालना है, उस पर रिसर्च करनी है और दुनिया को भी बताना है. दूसरा दायित्व ये कि हमारी युवा पीढ़ी को आज के आधुनिक विज्ञान, आधुनिक टेक्नोलॉजी को नए आयाम देने हैं, समंदर की गहराईयों से लेकर आसमान की ऊंचाई तक, आसमान की ऊंचाई से लेकर अंतरिक्ष की गहराई तक आपके लिए करने के लिए बहुत कुछ है.
साइंस और टेक्नोलॉजी में बढ़त बनाएगा वो देश आगे बढ़ जाएगा-पीएम
पीएम ने छात्रों से अह्वान किया कि आप Deep Earth को भी देखिए और साथ ही Deep Sea को भी explore करिए. आप Next Generation Computer बनाइये और साथ ही Genetic Engineering में भी अपना सिक्का जमाइये. भारत में आपके लिए नई संभावनाओं के द्वार लगातार खुल रहे हैं. 21वीं सदी के इस कालखंड में जो देश साइंस और टेक्नोलॉजी में बढ़त बना ले जाएगा, वो देश सबसे आगे बढ़ जाएगा.