कांग्रेस के दिग्गज नेता पी. चिदंबरम ने एक लंबा ट्वीट कर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि चलिए मान लेते हैं कि बिहार, पश्चिम बंगाल और राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाएं हुईं, लेकिन इनकी तुलना मणिपुर में लगातार हो रही हिंसा से कैसे की जा सकती है?
यह है मामला
दरअसल, अनुराग ठाकुर ने एक दिन पहले राजस्थान में बढ़ते महिला अपराधों और राजेंद्र गुढ़ा को मंत्री पद से बर्खास्त करने पर गहलोत सरकार पर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि महिलाओं के खिलाफ अपराध में राजस्थान नंबर वन है। यहां पिछले 4 साल में महिलाओं के खिलाफ अपराध की 1.09 लाख घटनाएं हुईं हैं। देश में 22% दुष्कर्म के मामले राजस्थान से हैं। इसके बाद भी अपराधियों के खिलाफ कदम उठाने की बजाय सीएम अशोक गहलोत ने राजेंद्र गुढ़ा को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया। गुढ़ा ने प्रदेश में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई थी। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बिहार की नीतीश सरकार पर भी हमला बोला था। उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाएं बढ़ी हैं उनमें बिहार भी शामिल है।
सरकार पर दागे सवाल
अब इसी बयान पर पलटवार करते हुए चिदंबरम ने कहा कि भले मान लेते हैं कि बिहार, पश्चिम बंगाल और राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाएं हुई हैं। लेकिन यह मणिपुर में लगतार जारी हिंसा को कैसे माफ करता है? उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि क्या घाटी में कोई कुकी बचा है? क्या चुराचंदपुर और मणिपुर के अन्य पहाड़ी जिलों में कोई मेइती बचा है?
जिन राज्यों में कार्रवाई की जरूरत उन्हें दें आदेश
उन्होंने कहा कि यदि रिपोर्ट सच है, तो मणिपुर में जातीय सफाया लगभग पूरा हो चुका है। वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन पर, मणिपुर में संवैधानिक सरकार का पतन हो गया है। मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों की हुकूमत उनके घरों और दफ्तरों से आगे नहीं चलती। उन्होंने कहा कि मणिपुर की स्थिति की तुलना बिहार, पश्चिम बंगाल और राजस्थान की स्थिति से कैसे की जा सकती है? केंद्र सरकार न केवल अक्षम और पक्षपातपूर्ण रही है, बल्कि जब वह घृणित तुलनाओं के पर्दे के पीछे छिपती है तो वह संवेदनहीन और क्रूर भी होती है। उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में कार्रवाई की आवश्यकता है, तो निश्चित रूप से राज्य सरकारों को कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दें, लेकिन इससे मणिपुर में हो रही बर्बरता को माफ नहीं किया जा सकता। मणिपुर की सरकार नाकाम हो गई है, भारत सरकार स्वप्रेरित कोमा में है।