नई दिल्ली. मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में महाकाल के प्रसाद के लड्डू खास हैं। लड्डू को पांच सितारा स्वच्छता रेटिंग दी गई है। रोजाना 50 क्विंटल तक लड्डू बनते हैं। महाकाल मंदिर की स्वच्छता में फाइव स्टार रेटिंग पाने वाला भारत का पहला मंदिर अभी नहीं बना है। इसके लिए 50 से ज्यादा लोग लगातार 10 घंटे काम करते हैं। लड्डू बनाने से लेकर पैकिंग करने तक सफाई का भी खास ख्याल रखते हैं।
वही खाद्य सुरक्षा अधिकारी बसंत दत्त शर्मा कहते हैं, एक किलो लड्डू तैयार करने में करीब 260 रुपये खर्च होते हैं. इस कीमत पर हम भक्तों को लड्डू प्रसाद देते हैं। इसमें हमें न तो किसी प्रकार का लाभ होता है और न ही किसी प्रकार का नुकसान होता है। लड्डू महाकाल मंदिर से लगभग 7 किमी दूर चिंतामन गणेश मंदिर के पास तैयार किए जाते हैं। एंट्री गेट पर दो एयर कटर लगे हैं।
इसीलिए 90 प्रतिशत मक्खियां और अन्य कीड़े बाहर रहते हैं। एंट्री गेट के अंदर इंजेक्षन लाइट किलर लगे हैं ताकि किसी तरह अंदर आए मक्खी-मच्छर को यहां खत्म किया जा सके। चूहों को पकड़ने के लिए रेट किलर पैड रखे गए हैं। इसे लगातार झाडू लगाकर साफ किया जाता है। हर कर्मचारी अपने सिर पर मास्क और टोपी लगाता है। इतना ही नहीं किसी भी कर्मचारी को बिना शरीर का तापमान चेक किए अंदर नहीं जाने दिया जाता है।
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