लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों को लेकर कांग्रेस हरिद्वार और नैनीताल सीट पर फंस गई है। प्रत्याशियों के नामों पर अंदरखाने माथापच्ची चल रही है, लेकिन फैसला अटका हुआ है। मंगलवार को नई दिल्ली में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में उत्तराखंड को शामिल नहीं किया गया।
पांचों लोकसभा सीटों पर भाजपा नामांकन की तैयारी में जुट गई है, लेकिन कांग्रेस में हरिद्वार व नैनीताल सीट पर प्रत्याशियों का पेच फंसा हुआ है। केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में प्रदेश की हरिद्वार व नैनीताल सीट पर प्रत्याशी घोषित होने की संभावना जताई जा रही थी। इससे पहले प्रदेश प्रभारी शैलजा कुमारी ने भी प्रदेश के शीर्ष नेताओं के साथ बैठक की। लेकिन अभी प्रत्याशियों पर फैसला अटका हुआ है। पार्टी नेताओं में आपसी खींचतान के कारण प्रत्याशियों के नाम पर सहमति नहीं बन रही है।
सूत्रों के मुताबिक हरिद्वार सीट से पूर्व सीएम हरीश रावत अपने बेटे वीरेंद्र रावत के लिए टिकट मांग रहे हैं, जबकि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा इस बात पर अड़े हैं कि यहां से हरीश रावत खुद चुनाव लड़ें। वहीं, नैनीताल सीट से यशपाल आर्य, महेंद्र पाल, रणजीत रावत के नाम की चर्चा है।
कार्यकर्ता पूरी मेहनत से चुनाव में काम करेंगे
प्रदेश की दो सीटों पर प्रत्याशियों को लेकर हाई पावर कमेटी की बैठक में प्रत्याशी तय किए जाएंगे। केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक से उत्तराखंड को बाहर रखा गया है। पार्टी हाईकमान जिसे भी टिकट देगी, उसकी जीत के लिए कार्यकर्ता पूरी मेहनत से चुनाव में काम करेंगे। -करन माहरा, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष
प्रदेश प्रभारी शैलजा ने वरिष्ठ नेताओं की टोह ली
केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक से पहले उत्तराखंड प्रभारी शैलजा कुमारी ने प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक ली। उन्होंने हरिद्वार व नैनीताल सीट पर एक बार फिर प्रत्याशियों को लेकर पार्टी नेताओं की टोह ली। इसके साथ ही चुनाव रणनीति और प्रबंधन पर चर्चा की। बैठक में पूर्व सीएम हरीश रावत, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, विधायक प्रीतम सिंह मौजूद रहे।