- जम्मू कश्मीर के कांग्रेस के पूर्व विधायक और प्रदेश अध्यक्ष विकार रसूल सहित 5 कांग्रेस नेताओ केे खिलाफ बुलंदशहर की MP/ MLA कोर्ट ने धारा 188 CRPC के तहत किए आरोप तय
- 2012 में लालू यादव के समधी जितेंद्र यादव के समर्थन में बिना अनुमति के गुलावठी में की थी जनसभा, धारा 144 के उलंघन के आरोप में हुई थी FIR दर्ज
- आदर्श चुनाव आचार संहिता के उलंघन का लगा था आरोप।
बुलंदशहर- रिपोट जावेद खान
जम्मू कश्मीर कांग्रेस के अध्यक्ष विकार रसूल सहित पांच आरोपियों के खिलाफ मंगलवार को एमपी-एमएलए कोर्ट अनूपशहर के न्यायाधीश विनय कुमार सिंह चतुर्थ की कोर्ट ने धारा 188 सीआरपीसी के तहत आरोप तय कर दिए हैं।
अनूपशहर स्थित विशेष एमपी एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश विनय कुमार सिंह चतुर्थ की अदालत ने जम्मू कश्मीर विधानसभा के पूर्व विधायक व वर्तमान जम्मू कश्मीर के कांग्रेस अध्यक्ष विकार रसूल के खिलाफ गैर जमानती वारंट के गैर निष्पादन के लिए गृह मंत्रालय के सचिव व डीजीपी जम्मू कश्मीर को पत्र लिखा था। विशेष लोक अभियोजक हितेंद्र वर्मा ने बताया कि सन 2012 में विधानसभा चुनाव के दौरान गुलावठी के गांव मिठ्ठीपुर में बिना अनुमति के विकार रसूल ने जनसभा की थी। इस संबंध में उनके खिलाफ गुलावठी कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज की गई थी।
मुकदमा सन 2012 से विशेष एमपी एमएलए न्यायालय में चल रहा है। न्यायालय द्वारा कई बार उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए जा चुके थे। लेकिन उसके बावजूद भी अभियुक्त न्यायालय में पेश नहीं हुए। इस संबंध में न्यायालय द्वारा गृह सचिव व डीजीपी को पत्र लिखकर अभियुक्त को न्यायालय में पेश करने के लिए कहा गया था। इसके बाद जम्मू कश्मीर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष विकार रसूल ने 29 जनवरी को अनूपशहर स्थित एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश होकर आत्मसमर्पण कर जमानत के लिए कोर्ट के सामने अपनी अर्जी लगाई थी।
इस पर एसीजेएम न्यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट विनय कुमार सिंह चतुर्थ ने अर्जी की सुनवाई करते हुए जमानत दे दी थी। आरोप तय करने के लिए सात फरवरी की तारीख नियत की थी। लेकिन, सभी आरोपियों के एक साथ नहीं आने की वजह से आरोप तय नहीं हुए और मंगलवार की तारीख नियत की गई। इसमें विकार रसूल सहित भरत भूषण, इकरामुद्दीन, सचिन, नाजिम सभी आरोपी कोर्ट के सामने पेश हुए और उनके खिलाफ धारा 188 के तहत आरोप तय किए गए हैं।
विधायक लक्ष्मीराज सिंह भी आज अदालत में हुए पेश
भाजपा विधायक लक्ष्मीराज सिंह के खिलाफ एमपी एमएलए कोर्ट में आचार संहिता उल्लंघन का मामला विचाराधीन है। इस मामले में विधायक ने गत 31 जनवरी को जमानत कराई थी। मंगलवार को इनके खिलाफ भी आरोप तय होने थे। लेकिन, एक आरोपी के पेश न होने की वजह से आरोप तय नहीं हुए हैं। इसमें अब अग्रिम तारीख पर सुनवाई होगी।