- महिला अस्पताल में बिजली गुल के चलते मरीज को रहना पड़ता है अंधेरे में
- कर्मचारी अंधेरे में मोबाइल की लाइट से ही महिला मरीज को इंजेक्शन लगा रहे
- महिला मरीजों को मुश्किलों का करना पड़ता है सामना
- सरकारी अस्पताल में बुनियादी सुविधाओं की भी कमी
आजमगढ़ :भले ही प्रदेश सरकार सरकारी अस्पतालों में तमाम सुविधाओं व योजनाओं का दावा कर रही हो लेकिन अभी व्यवस्था पटरी पर आती नहीं दिख रही है। बड़ी सुविधाओं की बात तो दूर बुनियादी सुविधाओं की भी कमी है। जहां आजमगढ़ के जिला महिला चिकित्सालय में प्रायः बिजली गुल होती रहती है, जिसके चलते महिला मरीजों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
मोबाइल की लाइट मे महिला मरीज को लगा रहे इंजेक्शन
यूं तो स्वास्थ्य सुविधाएं उत्तर प्रदेश शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता में है लेकिन अगर आजमगढ़ जनपद की बात करें तो यहां पर जिला महिला चिकित्सालय में बड़ी संख्या में महिला मरीज पहुंचती हैं।
जहां अस्पताल के एएनसी, प्रसव पूर्व कक्षा में तस्वीर के माध्यम से देखा जा सकता है की किस तरह रात में महिलाएं अस्पताल की बिजली गुल हो जाने के चलते काफी देर तक अंधेरे में रहना पड़ता है।
तो वहीं अस्पताल के कर्मचारी अंधेरे में मोबाइल की लाइट से ही महिला मरीज को इंजेक्शन देते हुए देखे जा सकते हैं। इस मामले में प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक ने बंदरों के कूदने का हवाला देते हुए बिजली का खराब होना बता रहे हैं, ये दिक्कतें कभी-कभी होती हैं। उस दौरान जनरेटर चलाया जाता है, जबकि इमरजेंसी सर्विसेस में लेबर रूम, सीएनसीयू में इनवर्टर लगाया गया है जिससे काम चल जाने का दावा भी कर रहे हैं।