उत्तराखंड :यूसीसी विधेयक पास होने के बाद बदल जाएंगे ये नियम,लव जिहाद को लेकर कानून होंगे कड़े

Spread the love

देहरादून:उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में धामी सरकार ने आज (मंगलवार) को ऐतिहासिक कदम उठा लिया है। उत्तराखंड विधानसभा में आज सीएम धामी ने यूसीसी विधेयक को पेश कर दिया है। अब इसी के साथ ही उत्तराखंड समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला राज्य बनेगा।

प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू करना धामी सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 27 मई 2022 को जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई (सेनि) की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति गठित की। समिति ने 20 माह के कार्यकाल में विभिन्न धर्मों, समूहों, आमजन व राजनीतिक दलों से संवाद कर संहिता का ड्राफ्ट तैयार किया। दो फरवरी को चार खंडों व 740 पेज का यह ड्राफ्ट समिति ने मुख्यमंत्री को सौंपा।

इन कानून में होगा बदलाव

अब इस विधेयक के कानूनी रूप लेने के बाद प्रदेश की आधी आबादी इससे सीधे लाभान्वित होगी। समिति ने ड्राफ्ट में लड़कियों के विवाह की आयु बढ़ाने, बहुविवाह पर रोक लगाने, उत्तराखंड में लड़कियों के बराबर हक, सभी धर्मों की महिलाओं को गोद लेने का अधिकार व तलाक के लिए समान आधार रखने की पैरवी की गई है। ड्राफ्ट में तलाक, तलाक के बाद भरण पोषण और बच्चों को गोद लेने के लिए सभी धर्मों के लिए एक कानून की संस्तुति की है।

विवाह के लिए बदलेंगे कानून

सभी धर्मों में विवाह की आयु लड़की के लिए 18 वर्ष अनिवार्य करने का प्रस्ताव किया गया है। बहुपत्नी प्रथा समाप्त कर एक पति पत्नी का नियम सभी पर लागू करने पर बल दिया गया है। प्रदेश की जनजातियों को इस कानून की परिधि से बाहर रखा गया है।

संपत्ति से लेकर लव जिहाद तक बदल जाएंगे ये नियम

यूसीसी ड्राफ्ट के तहत ये प्रमुख कानून बदल जाएंगे। संपत्ति बंटवारे में लड़की का समान अधिकार सभी धर्मों में लागू रहेगा। अन्य धर्म या जाति में विवाह करने पर भी लड़की के अधिकारों का हनन नहीं किया जा सकेगा। लिव इन रिलेशनशिप के लिए पंजीकरण कराना आवश्यक होगा। लव जिहाद, विवाह समेत महिलाओं और उत्तराधिकार के अधिकारों के लिए सभी धर्मों के लिए समान अधिकार की बात इसमें की गई है।

समान नागरिक संहिता के प्रमुख बिंदु

  • -तलाक के लिए सभी धर्मों का एक कानून होगा ।
  • तलाक के बाद भरण पोषण का नियम एक होगा ।
  • गोद लेने के लिए सभी धर्मों का एक कानून होगा ।
  • संपत्ति बटवारे में लड़की का समान हक सभी धर्मों में लागू होगा ।
  • अन्य धर्म या जाति में विवाह करने पर भी लड़की के अधिकारों का हनन नहीं होगा ।
  • सभी धर्मों में विवाह की आयु लड़की के लिए 18 वर्ष अनिवार्य होगी ।
  • लिव इन रिलेशनशिप के लिए पंजीकरण जरूरी होगा ।
  • -प्रदेश की जनजातियां इस कानून से बाहर होंगी ।
  • एक पति पत्नी का नियम सब पर लागू होगा, बहुपत्नी प्रथा होगी समाप्त।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *