हेमंत सोरेन की बड़ी भाभी सीता सोरेन (जो हेमंत के दिवंगत बड़े भाई दुर्गा सोरेन की पत्नी है ) कह रही थी कि उन्हें कल्पना सोरेन का नेतृत्व मंजूर नहीं है।
वो कल हुए को विधायक दल की बैठक में भी मौजूद नहीं थीं।
चुनाव में कम समय रहने के कारण हेमंत सोरेन अपनी पत्नी कल्पना को उपचुनाव में खड़ा नहीं कर सकते थे, बहुत सारी संविधानिक अड़चनें थी ।
इधर शिबू सोरेन के पुराने साथी,चंपई सोरेन भी पार्टी तोड़ने का धमकी दे रहे थे,उनके लिए “अब नहीं तो कभी नहीं “ वाली स्थिति थी ।
चुनाव कठिन था पर अंत में remote control CM के रूप में चंपई सोरेन को “best amongst the rest” चुना गया ।
देखना दिलचस्प होगा कि क्या चंपई उम्र के इस पड़ाव पर हाथ आई कुर्सी छोड़ेंगे ?