गाजियाबाद के मधुबन बापूधाम थानाक्षेत्र में एक दंपती के गोली लगे शव मिले हैं। लेकिन दोनों को गोली कैसे लगी यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। जानकारी के अनुसार, विनोद 38) निवासी लिब्बरहेडी और उसकी पत्नी दीपक(35) गाजियाबाद में करीब 18 से 20 साल से रहते थे। वह प्रॉपर्टी डीलर थे और फ्लैट बनाकर बेचते थे। उनके दो बच्चे हैं।
परिजनों ने बताया कि सीसीटीवी में देखा गया है कि बीटी रात करीब साढ़े दस बजे वह दोनों अपने गाजियाबाद के मकान से कार से निकले थे। इसके बाद पत्नी दीपक का शव गाड़ी के अंदर मिला, जबकि विनोद का शव गाड़ी से लगभग 50 मीटर दूर पड़ा मिला। सूत्रों के अनुसार पति पत्नी में कुछ मनमुटाव चल रहा था। दोनों की मौत की खबर जब परिवार को मिली तो कोहराम मच गया।
डीसीपी सिटी कुंवर ज्ञानंजय सिंह ने बताया कि, मृतक के परिजनों से पूछताछ में पता चला है कि विनोद काफी समय से डिप्रेशन का शिकार था और अक्सर शाम के समय काफी ज्यादा उत्तेजित हो जाता था। उसने कई बार अपने परिजनों से भी कहा था, ‘जब मैं मरूंगा तो अपनी पत्नी को साथ लेकर मरूंगा’।
डीसीपी ने कहा कि इस पूरे प्रकरण में प्रथमदृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि विनोद चौधरी द्वारा अपनी पत्नी की हत्या करके स्वंय आत्महत्या कर ली गई है। इसके अन्य पहलुओं की जांच की जा रही है। इनकी किसी प्रकार की कोई रंजिश सामने नहीं आई है। इनके बच्चों और परिजनों से पूछताछ में पता चला है कि कुछ दिन पहले विनोद ने कहीं से तमंचा लाकर अपनी गाड़ी में छुपा दिया था। पुलिस को घटनास्थल से दंपती के दो मोबाइल फोन और एक एसक्रॉस कार और एक तमंचा बरामद हुआ है। पुलिस अभी जांच पड़ताल कर रही है।