छिंदवाड़ा। एमपी के छिंदवाड़ा जिले में एक मामला सामने आया है. जहां बड़कुही में एक मानसिक रूप से कमजोर बेटे ने अपनी मां की मौत के बाद घर के पीछे ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया. जबकि इस बात की जानकारी उसकी तीन बहनों को नहीं थी. जब बेटियां मायके पहुंची तब जाकर इस बात का खुलासा हुआ. हालांकि यह खबर पुलिस के पास भी पहुंची, लेकिन पुलिस ने किसी भी प्रकार की कार्रवाई से इंकार कर दिया है.
बेटियों ने घर के पीछे देखी जली हुई हड्डियां तब हुआ शक
छिंदवाड़ा जिले के बड़कुही में मानसिक रूप से कमजोर एक बेटा अपनी 80 साल की मां के साथ रहता था. मां की मौत हो गई, तो उसने अपने रिश्तेदार और बहनों को भी इसकी जानकारी नहीं दी. यहां तक कि घर के पीछे बाड़ी में ही बेटे ने अंतिम संस्कार कर दिया. जब उसकी बहनें घर पर पहुंची, तो बाड़ी में जली हुई हड्डियां देखकर उन्हें कुछ शक हुआ. तब जाकर इस मामले की जानकारी पुलिस को दी गई.
बहनों ने कार्रवाई करने से किया इंकार
परासिया एसडीओपी जितेंद्र सिंह जाट ने बताया कि युवक मानसिक रूप से कमजोर है. उसकी 80 साल की मां निधन हो गया था, तो उसने अपने घर के पीछे ही बाड़ी में दाह संस्कार कर दिया. हालांकि इस मामले में युवक की बहनों ने उस पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई करने से इनकार कर दिया है. इसलिए पुलिस ने भी कोई मामला दर्ज नहीं किया है। 80 साल की बुजुर्ग महिला लकवा से पीड़ित थी और वह घर में ही रहती थी. उसका बेटा मानसिक रूप से कमजोर था, लेकिन वह फेरी में सामान बेचकर अपना परिवार चलाता था. उसकी बहनों का विवाह हो चुका था. मां और बेटे एक साथ ही रहते थे. मां की मौत हो जाने पर उसने घर के पीछे ही अंतिम संस्कार कर दिया.