23 आदमखोर जानवर काट रहे उम्रकैद की सजा ,इतने लोगो को बनाया था निवला ,दफन हुआ आजादी का ख्वाब

Spread the love

उत्तराखंड में हिंसक वन्यजीवों की दहशत के बीच भीमताल में तीन महिलाओं को निवाला बनाने वाली बाघिन रेस्क्यू सेंटर पहुंच चुकी है। भारतीय वन्यजीव संस्थान की रिपोर्ट में यह खुलासा हो चुका है कि बाघिन नरभक्षी है। ऐसे में यह बाघिन खुली हवा में सांस नहीं ले पाएगी। उसे अब रेस्क्यू सेंटर में ही अपनी बाकी उम्र पूरी करनी होगी। पढ़िए कुमाऊं के अलग-अलग जिलों में इंसानों को मौत के घाट उतारने वाले आदमखोर बाघ और तेंदुओं की कहानी, जो कभी लोगों की जान के लिए खतरा बने और अब बाड़ों में कैद हैं

उत्तराखंड मे 5 IAS समेत छह अफसरों का बदल गया पदभार; यहां जानें किसको मिला कौन सा विभाग

नरभक्षी बने तो छिन जाता है खुला आसमान, बाड़े में बंद वन्यजीवों को वनकर्मियों ने दिए विक्रम, भोलू जैसे नाम

केस एक-
13 अगस्त 2019 को ढिकाला में बीट वॉचर बिशन राम को गश्त के दौरान बाघ ने मारा था। पार्क कर्मियों ने कार्रवाई करते हुए बाघ को 11 नवंबर 2019 को पकड़ा, जिसे नैनीताल जू भेज दिया गया। 20 अप्रैल 2021 से यह बाघ ढेला रेस्क्यू सेंटर में है।

केस दो-
12 फरवरी 2022 को बाघ ने एनएच-309 पर धनगढ़ी गेट के पास एक अज्ञात व्यक्ति को निवाला बनाया था। इसके बाद 16 जून 2022 को एनएच 309 पर धनगढ़ी गेट पर बाघ ने बाइक सवार मजदूर खलील अहमद को मार दिया था। कॉर्बेट ने वन्यजीव को चिह्नित किया और आठ जुलाई 2022 को सर्पदुली रेंज से बाघिन को पकड़ा, जो ढेला रेस्क्यू सेंटर में है।

केस तीन-
16 जुलाई 2022 को मोहान के पास अमरोहा निवासी बाइक सवार अफसरूल को बाघ ने मार दिया था। इसके बाद 12 दिसंबर 2022 को एनएच 309 पर पूर्व सैनिक बहादुर सिंह बिष्ट को धनगढ़ी नाले पर बाघ ने मारा। फिर 24 दिसंबर 2022 को एनएच 309 पर पनाेद नाले पर खताड़ी निवासी मो. नफीस को बाघ ने मार डाला। तीनाें घटनाओं में बाघ व बाघिन को चिह्नित किया। 18 जनवरी को बाघिन और 16 फरवरी को बाघ को वनकर्मियों ने पकड़ लिया था। इस समय दोनों बाघ और बाघिन ढेला रेस्क्यू सेंटर में हैं।

दस तेंदुओं को सेंटर में रखा गया
बीते नवंबर में कालाढूंगी में महिला को मारने वाले दो तेंदुओं को ढेला रेस्क्यू सेंटर में रखा गया है। तराई पश्चिमी, तराई पूर्वी से अधिकतर तेंदुओं को पकड़कर यहां रखा गया है। वहीं, बाघिन से बिछड़े शावकों को भी बाड़े में रखा जाता है।

ये बाघ भी हैं ढेला रेस्क्यू सेंटर 

  • 2018 में ढिकाला में बीट वाचर को मारने वाला बाघ।
  • मार्च 2020 में गौलापार मेंे युवक को घायल करने वाला बाघ।
  • जनवरी 2022 से फरवरी 2023 तक रामनगर मोहान मार्ग पर पांच से छह लोगों को बाघ ने अपना निवाला बनाया था। यहां कॉर्बेट व रामनगर वन प्रभाग की टीम ने एक बाघिन व दो बाघ को पकड़ा। ये सभी ढेला रेस्क्यू सेंटर में हैं।
  • जुलाई 2023 में पौड़ी में बुजुर्ग को मारन वाला बाघ।
  • 23 नवंबर 2023 में नेपाली मजदूर को मारने वाला बाघ।
  • 3 दिसंबर 2023 को कानिया से दो बाघिन पकड़ी। बाघिन ने महिला को मारा था।

मानव-वन्यजीव संघर्ष में शामिल बाघ को पकड़ने, नष्ट करने की अनुमति वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के उचित प्रावधान के तहत कानून में मानव जीवन को वरीयता दी जाती है। ऐसी स्थिति में ऐसे बाघ को दोबारा जंगल में छोड़ना उचित नहीं क्योंकि पुनः मानव-वन्यजीव संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। -एजी अंसारी, वन्यजीव विशेषज्ञ

ढेला रेस्क्यू सेंटर में हिंसक हो चुके बाघों को रखा गया है। स्वस्थ हो चुके बाघों को जंगल में छोड़ने के लिए चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन और एनटीसीए की अनुमति जरूरी है। 
-डॉ. धीरज पांडेय, निदेशक कॉर्बेट टाइगर रिजर्व


Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *