पुलिस ने ढंढेरा में एटीएम काटकर लाखों की नकदी चोरी के मामले में गैंग के सरगना और स्काॅर्पियो मालिक को गिरफ्तार किया है। साथ ही घटना में इस्तेमाल स्काॅर्पियो, 50 हजार की नकदी, दो मोबाइल और गैस कटर समेत अन्य सामान भी बरामद किया है। पुलिस ने दोनों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है। वारदात में शामिल फरार चल रहे चार आरोपियों की पुलिस तलाश कर रही है।
शनिवार को एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने सिविल लाइंस कोतवाली में प्रेसवार्ता कर बताया कि पूरी घटना पास में ही लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी। पुलिस ने स्काॅर्पियो के नंबर की जांच की तो पता चला कि वह फर्जी था और पौड़ी की स्कार्पियो का था।
इसके बाद पुलिस और सीआईयू की टीम को खुलासे के लिए लगाया गया। एएसपी ने बताया कि वारदात में मेवात, हरियाणा के गिरोह के शामिल होने के सबूत मिले थे। इसके बाद टीम को हरियाणा भेजा गया था। टीम ने करीब 15 दिन तक मेवात में ही डेरा डाले रखा। इस बीच शुक्रवार को पुलिस को सूचना मिली कि गैंग का सरगना हरियाणा के जिला नूंह कस्बा तावड़ू में है।
पुलिस ने पांचों के घर पर दबिश दी।
इस पर पुलिस ने घेराबंदी कर गैंग के सरगना सलमान निवासी गांव कलियाकी, थाना तावड़ू जिला नूंह, हरियाणा को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने बताया कि वारदात में उसके साथ रफीक उर्फ बच्ची निवासी गांव रिहाड़ी, जिला नूंह हरियाणा, शौकत निवासी गांव शिकारपुर जिला नूंह, हरियाणा, सहूद और खालिद निवासी गांव बावला जिला नूंह शामिल थे। घटना में प्रयुक्त कार उसके रिश्तेदार साबिर निवासी गांव भोजपुर, थाना गोपालगढ़ जिला डींग, राजस्थान की थी।
पुलिस ने पांचों के घर पर दबिश दी। स्काॅर्पियो मालिक साबिर को पुलिस ने दबोच लिया और स्काॅर्पियो भी बरामद कर ली। एसएसपी ने बताया कि दोनों के पास से करीब 50 हजार की नकदी, दो मोबाइल, एक तमंचा, गैस कटर, सिलिंडर भी बरामद किया है। दोनों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है। फरार चल रहे चारों आरोपियों की तलाश की जा रही है।
चार राज्यों में कर चुके हैं ऐसी वारदातें
एसएसपी ने बताया कि सलमान, रफीक, शौकत, सहूद और खालिद एटीएम काटने की कई घटनाएं दिल्ली, यूपी, राजस्थान व हरियाणा में भी कर चुके हैं। इनके ऊपर करीब 15 से अधिक केस दर्ज हैं। सलमान 2022 में जमानत पर बाहर आया था। कुछ साल पहले इस गिरोह ने देहरादून में भी इस तरह की वारदात को अंजाम दिया था।
व्हाट्सएप कॉल पर करते थे बात
एसएसपी ने बताया कि गिरोह के बदमाश पुलिस से बचने के लिए सामान्य कॉल पर बातचीत नहीं करते थे। गिरोह केवल आपस में व्हाट्सएप पर ही बातचीत करता था। साथ ही बदमाश लगातार ठिकाने बदलते रहते हैं।
300 किलोमीटर तक खंगाले 800 कैमरे
पुलिस ने एटीएम काटने की घटना के खुलासे के लिए पिछले 15 दिनों में रुड़की से लेकर राजस्थान और हरियाणा तक करीब 300 किलोमीटर दूरी तक 800 से अधिक सीसीटीवी कैमरे खंगाले थे। इसके बाद गैंग का सरगना पुलिस के हत्थे चढ़ पाया।