- दिल्ली मेट्रो में यात्रियों का स्वागत करने वाली मैस्कट ‘मैत्री’
Delhi Metro में स्टेशन पर हर यात्री का स्वागत करती नीली सी इस छोटी गुड़िया को तो आपने काफी बार देखा होगा। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हर स्टेशन पर दिख रही ये छोटी बच्ची कौन हैं और अगर आप भी इस सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो चलए आज हम आपको इस बच्ची के बारे में बताते हैं।कभी ट्रेन में तो कभी मेट्रो स्टेशनों पर लोकिन क्या आप जानते हैं कि ये नीली सी गुड़िया है कौन और इसकी तस्वीर दिल्ली मेट्रो में हर जगह क्यों लगी रहती है। दरअसल, ये नीली गुड़िया दिल्ली मेट्रो में यात्रियों का स्वागत करने वाली मैस्कट ‘मैत्री’ है।
मैत्री नाम का मतलब ‘दोस्ती’ होता है। अब आप सोच रहे होंगे कि ये मैस्कट क्या होता है? तो आपको बता दें कि मैस्कट का मतलब शुभंकर होता है। जो किसी भी चीज के पहचान चिह्न होते हैं। जैसे- जो किसी आयोजन, किसी संस्था, किसी कंपनी, किसी स्कूल, कॉलेज या फिर किसी सैन्य इकाई का प्रतिनिधित्व करते हैं। ये कुछ भी हो सकता है- इंसान, जानवर या कोई वस्तु कोई भी।
ये नीली गुड़िया दिल्ली मेट्रो में यात्रियों का स्वागत करने वाली मैस्कट ‘मैत्री’ है।
दिल्ली मेट्रो में दिखने वाली छोटी बच्ची की कहानी
अब आपको इस नीली गुड़िया के दिल्ली मोट्रो का मैस्कट बनने के पीछे की कहानी बताते हैं। हुआ ये था कि साल 2012 में दिल्ली मेट्रो में सफर कर रही जूली नाम की एक महिला यात्री को अचानक से लेबर पेन होने लगा। महिला फरीदाबाद से सफदरजंग अस्पताल जाने के लिए मेट्रो में चढ़ी थी। महिला की तकलीफ को देख दिल्ली के खान मार्केट मेट्रो स्टेशन पर दो महिलाओं ने उसकी डिलीवरी करवाई। महिला ने मेट्रो में ही एक प्यारी सी बच्ची को जन्म दिया। बाद में मेट्रो प्रबंधन ने प्रसूती महिला और उसकी बच्ची को अस्पताल भेजा। दिल्ली मेट्रो में डिलीवरी की ये पहली घटना थी।
DMRC ने परिवार से मांगी परमिशन
मेट्रो में जन्म होने के कारण बच्ची के परिवार वालों ने उसका नाम मेट्रो से मिलता-जुलता नाम ‘मैत्री’ रखा। फिर कुछ दिनों बाद DMRC ने उस बच्ची को मैस्कट की तरह यूज करने के लिए उसके परिवार से परमिशन मांगी। परिवार की सहमती पर DMRC ने नीली गुड़िया का मैस्कट दिल्ली मेट्रो में यूज करना शुरु कर दिया।