नैनीताल हाईकोर्ट ने टिहरी गढ़वाल में पुलिस हिरासत में मौत मामले में छह पुलिसकर्मियों और दो डॉक्टरों को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
कोर्ट ने इस मामले में टिहरी के जिला न्यायाधीश योगेश कुमार गुप्ता के आदेश पर भी रोक लगा दी है जिसमें देश में गैर इरादतन हत्या व साक्ष्य नष्ट करने के अपराध में समन जारी करने के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विनोद कुमार बर्मन के निर्देश को रद्द कर दिया गया था।
कोर्ट ने राज्य सरकार को शपथपत्र दाखिल करने का भी निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 21 दिसंबर को होगी। न्यायाधीश न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकलपीठ के समझ मामले की सुनवाई हुई। घनसाली निवासी 38 वर्षीय स्वरूप सिंह की 21 मई 2011 को एक महिला से बहस के बाद पुलिस हिरासत में लिए जाने के पर संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई थी।
इसके बाद उनके भाई मोर सिंह ने छह पुलिसकर्मियों और तीन डॉक्टरों के विरुद्ध हत्या और सबूतों से छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज की थी।
कोर्ट ने यह भी कहा
न्यायालय का मानना है कि पुलिस को लाभ पहुंचाने के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट से छेड़छाड़ की गई थी। यहां तक कि पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी नहीं की गई थी, जो संदिग्ध हिरासत में मौत के मामले में जरूरी है।