हल्द्वानी से एक बड़ी खबर सामने आ रही है पिता के ठेले पर खाना बेचने के लिए खड़े बेटे पर अज्ञात हमलावर ने चापड़ से ताबड़तोड़ वारकर हत्या कर दी। घटना के बाद एसपी सिटी, सीओ सिटी ने घटनास्थल का निरीक्षण कर आरोपित की तलाश शुरू कर दी है।
मूलरूप से पीलीभीत व हाल कत्था फैक्ट्री गोशाला निवासी सुमेर सिंह ने दीपावली के बाद रामपुर रोड पर कत्था फैक्ट्री के पास खाने का ठेला लगाता है। जहां पर दाल-चावल व रोटी-सब्जी बेची जाती है। उसका 32 वर्षीय बेटा अमित कश्यप गन्ना सेंटर के पास एशियन पेंट कंपनी में काम करता है।
सुमेर के अनुसार, रविवार को बेटे अमित की छुट्टी थी। शाम पांच बजे वह खुद मंगलपड़ाव बाजार में सब्जी लेने चले गए। बेटा अमित ठेले पर अपने बेटे के साथ था। शाम छह बजे लाइट चली गई और ठेले पर अंधेरा हो गया। इस पर अमित ने बेटे को घर में चार्जिंग बल्ब लेने के लिए भेजा। बेटा बल्ब लेकर पहुंचा तो अमित लहूलुहान पड़ा था। ये दृश्य देख बेटे ने शोर मचाया।
आसपास के लोग इकट्ठा हो गए। पास में ही खड़े पार्षद राजेंद्र नेगी व नगर निगम के एक सफाई कर्मी ने घायल को डा. सुशीला तिवारी अस्पताल पहुंचाया, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई थी। उसे वेंटीलेटर पर रखा गया था, मगर डाक्टर उसे बचा नहीं सके। अस्पताल में उसने दम तोड़ दिया।
घटना के बाद एसपी सिटी हरबंस सिंह, सीओ सिटी भूपेंद्र सिंह धौनी, कोतवाल हरेंद्र चौधरी व चौकी इंचार्ज सुशील जोशी पहले अस्पताल व बाद में घटनास्थल पर पहुंचे। स्वजन के बयान दर्ज करने के बाद फरार आरोपित की तलाश शुरू कर दी है। घटनास्थल के पास मुर्गे काटने वाले की दुकान है, जहां पर चापड़ का प्रयोग होता है। इसलिए मुर्गे वाले पर शक गहरा गया है।
10 बजे बंद होने वाली दुकान घटना के बाद बंद क्यों?
अमित के सिर पर चापड़ से एक नहीं, बल्कि चार वार किए गए। दो वार मुंह और दो सिर पर थे, जिस तरीके से हमला किया गया, उससे साफ है कि हथियार चलाने वाले निर्दयी था। उसके हाथ नहीं कांपे। उसे हथियार चलाने की आदत भी है। जहां हमला हुआ, उसके बगल में मुर्गे वाले की दुकान है। ये दुकान अक्सर 10 बजे बंद होती है, मगर रविवार को घटना के बाद दुकान छह बजे ही बंद हो गई। अचानक दुकान बंद करने के पीछे कई कयास लगाए जा रहे हैं। चापड़ का प्रयोग भी मुर्गे वाले करते हैं। पुलिस ने आसपास के लोगों के बयान दर्ज कर लिए हैं।अंधेरे का फायदा उठाकर किया हमला
आरोपित ने अंधेरे का फायदा उठाकर हमला किया था। घायल के बड़े भाई का कहना है कि अमित की किसी से रंजिश नहीं थी। वह रविवार को पहली बार ही पिता की दुकान पर आकर खड़ा हुआ था। जिस दौरान हमला हुआ, उस बीच पांच मिनट के लिए लाइट चली गई थी। यानी हमलावर पहले से ताक पर बैठा हुआ था।
जगह को लेकर रंजिश तो नहीं रखता था हमलावर
जिस जगह पर ठेला लगता है, वहां पर एकमात्र मुर्गे वाले की दुकान है। ठेले पर खाना बेचा जाता है, जो कुछ दिन पहले ही खुली थी। आशंका जताई जा रही है कि जगह को लेकर विवाद हो सकता है। हालांकि, मुर्गे वाले ने कभी खुले रूप से विरोध नहीं किया है।