मजदूरों को बचाने सिलक्यारा आया विदेशी मेहमान,सुरंग स्थल पर किया निरीक्षण

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उत्तरकाशी सुरंग ढहने के मामले में बचाव अभियान तेज कर दिया गया है। बता दें उत्तरकाशी में 12 नवंबर को सिल्कयारा सुरंग ढह गई थी, जिसके बाद से 41 मजदूर लगभग 216 घंटों से फंसे हुए हैं। इस रेस्क्यू अभियान में सहयोग करने अंतरराष्ट्रीय स्तर के टनल विशेषज्ञ और इंटरनेशनल टनलिंग एंड अंडरग्राउंड स्पेस एसोसिएशन के अध्यक्ष अर्नोल्ड डिक्स भी सिलक्यारा पहुंच गए। 

अर्नोल्ड डिक्स ने सुरंग स्थल पर निरीक्षण किया और उन्होंने बचाव अभियान पर भरोसा जताते हुए फंसे हुए श्रमिकों को निकालने के लिए सामूहिक संकल्प पर जोर दिया। प्रोफेसर अर्नोल्ड डिक्स ने कहा कि हम उन लोगों को बाहर लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसको लेकर जबरदस्त प्रयास किए जा रहे हैं। हमारी टीम समाधान खोजने और उन्हें बचाने के लिए समर्पित है। उन्होंने कहा कि रेस्क्यू अभियान में एजेंसियों का अविश्वसनीय सहयोग है।  

रेस्क्यू अभियान की रणनीति पर चर्चा

रेस्क्यू अभियान में समन्वय के नोडल अधिकारी और सचिव डॉ. नीरज खैरवाल, एनएचएआईडीसीएल के एमडी महमूद अहमद, निदेशक अंशु मनीष खलखो,  जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला ने टनल विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स के साथ विचार विमर्श कर रेस्क्यू अभियान की रणनीति पर चर्चा की।

श्रमिकों के परिजनों का खर्चा उठाएंगी सरकार

इस बीच धामी सरकार ने मौके पर पहुंचे श्रमिकों के परिजनों का खर्चा उठाने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने का काम तेजी से चल रहा है। इस दौरान उन्होंने कहा कि श्रमिकों के परिजनों का आवागमन, रहने-खाने का इंतजाम सरकार करेगी। इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। 

 12 नवंबर को ढह गई थी सिल्कयारा सुरंग 

बता दें उत्तरकाशी में 12 नवंबर को सिल्कयारा सुरंग ढह गई। इस हादसे में 41 लोगों सुरंग में फंस गए थे। सुरंग में फंसे हुए श्रमिकों को 4 इंच की कंप्रेसर पाइपलाइन के माध्यम से बिजली, पानी और छोले, मुरमुरे, सूखे मेवे और दवाएं जैसी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है। वहीं, फंसे हुए लोगों को जल्द सुरंग से बाहर निकालने के लिए बीआरओ, एनएचआईडीसीएल, आरवीएनएल, टीएचडीसी, एसजेवीएनएल और ओएनजीसी सहित कई एजेंसियां विभिन्न रणनीतियों को क्रियान्वित कर रही हैं। 

 


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