बागेश्वर: जिले में बंदरों से ज्यादा कुत्तों का आतंक बढ़ रहा है। पिछले तीन महीने के आंकड़ों की मानें तो बंदरों ने 21 और कुत्तों ने 180 लोगों पर हमला किया है। बंदर और कुत्ते इस अवधि में 201 लोगों को जख्मी कर चुके हैं।
पहले लोग बंदरों के आतंक से परेशान थे लेकिन अब आवारा कुत्ते भी परेशानी उत्पन्न कर रहे हैं। जिला मुख्यालय के साथ कपकोट, गरुड़ नगरीय क्षेत्र और कांडा, काफलीगैर, दुगनाकुरी क्षेत्र में बंदरों का आतंक है। बंदर खेती को तो नुकसान पहुंचा रहे हैं और लोगों को जख्मी भी कर रहे हैं। कटखने बंदरों के आतंक से लोग परेशान हैं। जिला अस्पताल के आंकड़ों पर गौर करें तो सितंबर में 8, अक्तूबर में नौ और नवंबर में अब तक चार कुल 21 लोगों को बंदर जख्मी कर चुके हैं।
लावारिस कुत्ते सितंबर में 76, अक्तूबर में 61 और नवंबर में अब तक 43 लोगों को काट चुके हैं। हर दिन दो से अधिक लोगों को जिले में कुत्ते काट रहे हैं।
जिला अस्पताल के चिकित्सक डॉ. चंद्रमोहन भैसोड़ा का कहना है कि लावारिस कुत्तों के काटने के मामले ज्यादा आ रहे हैं। बंदरों के काटने मामले भी सामने आए हैं। प्राथमिक उपचार के बाद प्रभावित लोगों को रेबीज का इंजेक्शन लगाया जाता है।
नगरपालिका के ईओ हयात सिंह परिहार का कहना है कि नगर में लावारिस कुत्तों और बंदरों को पकड़ने के लिए योजना बनाई जाएगी। उधर, वन विभाग ने इन दिनों बंदरों को पकड़ने के लिए अभियान चलाया है लेकिन अभियान काफी धीमा है।
जिला अस्पताल में 574 रेबीज इंजेक्शन का स्टॉक है। हाल में 500 इंजेक्शन की और मांग की गई है।
डॉ. वीके टम्टा सीएमएस जिला अस्पताल