उत्तराखंड के देहरादून में शुक्रवार को भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के 62वें स्थापना दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे शाह ने कहा, देशवासी जब दीपावली के अवसर पर अपने घर में दिया जलाते हैं, तब वे एक दिया सीमा पर तैनात हमारे वीर जवानों के लिए भी जलाते हैं। देश की जनता चैन की नींद सोती है, क्योंकि हमारे वीर जवान अपने जीवन के स्वर्णिम वर्ष सरहद पर देश की सुरक्षा के लिए समर्पित करते हैं।
सीमांत गांव खाली हो गए तो सरहदों की रक्षा करना हो जाएगी बड़ी चुनौती : शाह ने कहा कि सीमांत (प्रथम गांव) खाली हो गए तो सरहदों की रक्षा करना बहुत बड़ी चुनौती हो जाएगी। लिहाजा जरूरी है कि देश के इन प्रथम गांवों में विश्वस्तरीय सुविधाएं हों।
इसके लिए उन्होंने वाइब्रेंट योजना में अवस्थापना विकास को आईटीबीपी को नोडल एजेंसी बनाने की बात कही। गृह मंत्री ने कहा कि हाल ही में पीएम मोदी ने वाइब्रेंट विलेज प्रोजेक्ट के माध्यम से एक नए कांसेप्ट को देश के सामने रखा है। पहले सीमा पर स्थित गांव को देश का अंतिम गांव कहा जाता था, लेकिन पीएम मोदी ने वहां जाकर कहा कि यह अंतिम नहीं, बल्कि देश का पहला गांव है।
सीमा पर बसे गांवों की आबादी को न केवल वहां रोकने, बल्कि उसमें वृद्धि करने और वहां देश के अन्य हिस्सों जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम बनाया है।