प्लास्टिक कचरा प्रबंधन में केदारनाथ धाम शिखर पर, डिजिटल डिपोजिट रिफंड सिस्टम को पहला स्थान 

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देशभर में केदारनाथ धाम में प्लास्टिक कचरा संग्रहण के लिए लागू डिजिटल डिपोजिट रिफंड सिस्टम को पहला स्थान मिला है, जबकि बैणी सेना स्वयं सहायता समूह हल्द्वानी ठोस कूड़ा प्रबंधन में दूसरे स्थान पर रहा।

31 अक्तूबर को दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में शहरी एवं आवास मंत्रालय ने उत्तराखंड को अर्बन लार्ननाथोन-2023 के विजेता और उपविजेता का पुरस्कार दिया। नगर निगम हल्द्वानी के मेयर जोगेंद्र रौतेला और शहरी विकास विभाग के सहायक निदेशक विनोद कुमार ने पुरस्कार प्राप्त किया।

मंत्रालय और राष्ट्रीय नगरीय कार्य संस्थान की ओर से प्लास्टिक और ठोस कूड़ा प्रबंधन के लिए अर्बन लार्ननाथोन का आयोजन किया गया, जिसमें सभी राज्यों से शहरी निकायों ने भाग लिया। प्लास्टिक कचरा प्रबंधन में केदारनाथ धाम देश भर में शिखर पर रहा।

ऊखीमठ प्लास्टिक रेगुलेटेड जोन घोषित
पिछली चारधाम यात्रा में रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन और शहरी विकास विभाग ने केदारनाथ धाम में प्लास्टिक कूड़ा संग्रहण के लिए डिजिटल डिपोजिट रिफंड सिस्टम को लागू किया था। 7 जनवरी 2023 को केंद्र सरकार ने इस सिस्टम को राष्ट्रीय डिजिटल पुरस्कार से सम्मानित किया। इस प्रबंधन के तहत ऊखीमठ विकासखंड को प्लास्टिक रेगुलेटेड जोन घोषित किया गया।

प्लास्टिक पानी की बोतल पर क्यूआर लगाए गए। क्यूआर कोड के आधार पर विक्रेता ग्राहक से अतिरिक्त धनराशि लेता था। खरीदने वाला व्यक्ति जब खाली बोतल को निर्धारित दुकानों पर वापस लौटाता है तो उसे अतिरिक्त राशि लौटाई जाती है। केदारनाथ धाम में 15 डिजिटल डिपोजिट रिफंड सिस्टम केंद्र बनाए गए।

बैणी सेना का ठोस कूड़ा संग्रहण में उत्कृष्ट कार्य

नगर निगम हल्द्वानी में बैणी सेना स्वयं सहायता समूह 57 वार्डों में घर-घर कूड़ा संग्रहण कर रही है। इसके साथ सिंगल यूज प्लास्टिक, सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ा न फेंकने के लिए लोगों को जागरूक कर रही है। 70 प्रतिशत परिवारों और दुकानों से यूजर चार्ज लेकर समूह प्रतिमाह 35 लाख की आय प्राप्त कर रहा है।
 


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