Report – सतीश वर्मा
छपिया ,गोंडा :मकसद था गांव को स्वच्छ बनाने का। इसके लिए पंचायतीराज विभाग ने राजस्व ग्राम स्तर पर सफाई कर्मचारियों की तैनाती की है। हर माह वेतन पर करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं, लेकिन गांव में सफाई तो दूर प्रधान व ग्रामीण सफाई कर्मचारी का चेहरा तक नहीं पहचानते। यह हाल तब है जब ग्राम पंचायत में प्रधान, सचिव व ब्लाक स्तर पर एडीओ पंचायत की तैनाती है। वेतन भुगतान के नाम पर पेरोल का अनूठा खेल ब्लाकों पर खेला जाता है। कई सफाई कर्मचारी ऐसे हैं जिनकी तैनाती तो गांव में है, लेकिन वह ब्लाक व सरकारी दफ्तरों में चक्कर लगाते हुए दिखते हैं।
मसकनवा गौरा चौकी मार्ग पर बह रहा गंदा पानी
कुछ वाहन चला रहे हैं तो कुछ रसोइयां की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। ऐसे में गांवों की सफाई व्यवस्था भगवान भरोसे चल रही है। सफाई व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त है,गाँवों में नियुक्त सफाईकर्मी मनमानी पर उतारू हैं, जब मन करता है झाड़ू लगा देते हैं, मन नही करता तो महीनों तक गाँवों की ओर रूख नही करते, D MAGZINE INDIA की टीम ने छपिया ब्लाक के गांव में हकीकत जानने के लिए पहुंची तो लोगों का कहना है कि गांव में नियुक्त सफाईकर्मी गांव में सफाई नहीं करते अपने अधिकारियों और प्रधानों की जी हजूरी में लगे रहते हैं।
साफ सफाई न होने से नाराज प्रदर्शन करते ग्रामीण
गांवों में नहीं जा रहे सफाईकर्मी, चरमराई व्यवस्था
शहर से लेकर गांव तक स्वच्छ भारत अभियान कागजों पर ही चल रहा है। बीते दिन ग्राम सभा पटखौली के गजरहव में साफ-सफाई न होने से भड़के ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया तथा नाली की साफ सफाई और लापरवाह सफाईकर्मी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। विडियो छपिया ने साफ सफाई का आश्वासन भी दिया था लेकिन नहीं हुआ। ग्रामीणों ने बताया कि राजेंद्र वर्मा के घर से राजकुमार के घर तक बने आरसीसी मार्ग पर नाली का पानी काफी दिनों से भरा है जिससे मार्ग पर घास उगाया है। साफ सफाई न होने से गंदगी का अंबार लगा हुआ है तथा वहां पर संक्रामक बीमारी फैलने का भी खतरा बना हुआ है। बार-बार शिकायत के बाद भी वहां सफाईकर्मी नहीं पहुंच रहे हैं,
आरसीसी मार्ग पर गंदगी का अंबार
गंदगी के बोझ तले दबकर रह गया स्वच्छता भारत मिशन
सड़कों पर कहीं गंदा पानी भरा हुआ है तो कहीं बह रहा है। कूड़े के ढेर से बदबू आ रही है। चौक-चौराहों पर गंदगी का ही बोलबाला है। कहीं शौचालय में गंदगी है, तो कहीं शौचालय टूटे हुए हैं और कहीं गंदगी का अंबार लगा हुआ है। आलम यह कि तमाम सरकारी परिसर भी गंदगी की गिरफ्त में जकड़े हुए हैं। क्षेत्र के अधिकांश मार्ग व सार्वजनिक स्थल गंदगी से भरे पड़े हैं। इससे राहगीरों व स्थानीय निवासियों को हमेशा संक्रामक बीमारी के फैलने का खतरा बना रहता है। प्रधानमंत्री से लेकर जिला प्रशासन तक सफाई अभियान पर नजर रख रहा है। बावजूद इसके यहां पर अब तक इस अभियान का कोई असर नहीं दिखाई पड़ रहा है।
एडीओ पंचायत हरिओम ने बताया कि शिकायत मिली है जल्दी साफ सफाई कर दी जाएगी। टीम बनाकर गांव में साफ सफाई का अभियान चलाया जा रहा है।
छपिया में- 174 राजस्व गांव
149- सफाईकर्मी
87 – ग्राम पंचायत