आज साल का अंतिम चंद्रग्रहण ,इतने बजे से लगेगा सूतक काल

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Chandra Grahan 2023: विज्ञान में चंद्र ग्रहण को खगोलीय घटना माना जाता है लेकिन धार्मिक दृष्टिकोण से इसे बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. आज देर रात साल 2023 का अंतिम चंद्र ग्रहण लगने वाला है. यह ग्रहण 28-29 अक्टूबर की मध्यरात्रि 01:05 बजे से शुरू होकर 02:24 बजे तक रहेगा. आज शरद पूर्णिमा भी है, जिसकी वजह से इस ग्रहण का महत्व और बढ़ गया है. साल का अंतिम चंद्र ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा. यह चंद्र ग्रहण मेष राशि में लगेगा.

Chandra Grahan 2023 in India: चंद्र ग्रहण भारत में कहां-कहां दिखाई देगा

साल का आखिरी चंद्र ग्रहण आंशिक चंद्र ग्रहण होगा जो भारत के सभी राज्यों में दिखाई देगा. आंशिक चंद्र ग्रहण में सूतक काल भी मान्य होता है इसलिए ग्रहण से 9 घंटे पहले यानि आज 28 अक्टूबर 2023 को दोपहर 02.52 पर सूतक काल शुरू हो जाएगा. इसके बाद ग्रहण मोक्ष तक सभी धार्मिक और सामाजिक कार्य करना वर्जित होता है.

इन जगहों पर दिखेगा चंद्र ग्रहण 

आज का चंद्र ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा. इसके अलावा यह चंद्र ग्रहण नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, भूटान, इंडोनेशिया, फ्रांस, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, हिंद महासागर, प्रशांत महासागर पर भी देखा जा सकेगा. भारत के दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरू, हैदराबाद, पुणे, अहमदाबाद, सूरत, जयपुर, कानपुर, लखनऊ, नागपुर, कोयंबटूर, नासिक, रायपुर, भोपाल, जोधपुर, प्रयागराज, देहरादून और पटना जैसे शहरों में यह ग्रहण स्पष्ट रूप से दिखाई देगा.

चंद्र ग्रहण कैसे लगता है 

चंद्रग्रहण एक खगोलीय घटना है जब सूर्य और चंद्रमा के बीच में पृथ्वी आ जाती है और चंद्रमा को अपनी छाया से ढक लेती है तब चंद्रमा का कुछ भाग लुप्त हो जाता है. यानी छाया के कारण चंद्रमा का यह भाग  स्पष्ट दिखाई नहीं देता है, इसी खगोलीय घटना को ही चंद्र ग्रहण कहते हैं. चंद्र ग्रहण तीन प्रकार के होते हैं- पूर्ण, आंशिक और उपच्छाया चंद्र ग्रहण. आज लगने वाला ग्रहण आंशिक चंद्र ग्रहण है. 

चंद्र ग्रहण का सूतक काल 

आज लगने वाला यह चंद्र ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा होगा. भारत में दिखाई देने की वजह से यहां इसका सूतक काल भी माना जाएगा. चंद्र ग्रहण का सूतक काल 09 घंटे पहले लग जाता है. सूतक काल 28 अक्टूबर की शाम से 4 बजे से लग जाएगा और ग्रहण खत्म होने के बाद ही यह समाप्त होगा. सूतक काल के दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. इस दौरान मंदिरों के कपाट बंद हो जाते हैं और पूजा-पाठ भी नहीं किया जाता है.


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