जिंदगी के किसी मोड़ पर, फिर मिलेंगे किसी रोड पर…

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ऋषिकेश। लक नहीं हेलमेट पहनो, जिंदगी के किसी मोड़ पर, फिर मिलेंगे किसी रोड पर। हेलमेट को पुलिस से मिलने के लिए नहीं, बल्कि अपने घर वालों से मिलने के लिए पहनो, इस संदेश को लेकर द्वारिका, नई दिल्ली के 38 वर्षीय अंश बाइक पर देश के 28 राज्यों सहित 9 केंद्र शासित प्रदेशों की करीब सवा लाख किमी. की यात्रा करने के बाद सोमवार को ऋषिकेश पहुंचे। अब वह देश के सभी जिलों में हेलमेट पहनने का संदेश देने के लिए अपनी बाइक पर सड़कों को नाप रहे हैं।

बाइक राइडर और पेशे से कॉरपोरेट ट्रेनर अंश 38 चारधाम सहित गढ़वाल के सभी जिलों की यात्रा पूरी करने के बाद अब वे यहां से कुमाऊं की यात्रा पर निकलेंगे। सोमवार को उन्होंने अमर उजाला कार्यालय पहुंचकर अपनी यात्रा के अनुभव साझा किए। अंश ने बताया कि वह लेखन कार्य भी करते हैं। अब तक 12 से अधिक किताबें लिख चुके हैं। गुरु ओपिनियन, एट 10 प्लस क्रेटिव फ्रिडम, द सेवन स्पीच आदि उनकी कुछ चर्चित किताबें हैं। अंश बताते हैं, वे लेखन के माध्यम से ही अपनी यात्रा का खर्च उठाते हैं। उन्होंने सड़कों पर हेलमेट न होने के कारण कई दुर्घटनाएं देखी। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में प्रतिदिन 34 हजार दुर्घटनाओं का डाटा देख उन्होंने सोचा क्यों न देश भर में घूमकर हेलमेट पहनने का संदेश दिया जाए।
2 अक्टूबर 2018 को अंश ने अपनी यात्रा शुरू की, जो अब भी जारी है। उन्होंने बताया कि वे अब तक वह 700 स्कूल-कॉलेजों में 2 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं को हेलमेट पहनने की शपथ दिलवा चुके हैं। उनके पहले चरण का अभियान राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में घूमने का पूरा हो चुका है। अब वह जिलों में घूम रहे हैं। जिसमें 400 जिलों की यात्रा पूरी कर चुके हैं। गढ़वाल के बार में एक लाइन में वे कहते हैं, यहां के लोग सौम्य और ईमानदार होते हैं। वे हर बार उत्तराखंड आना चाहेंगे।


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