डी मैगज़ीन की विशेष पेशकश नौ नवरात्र, नौ देवियां में आज हम आपका परिचय करवा रहे हैं उधमसिंह जिले के शहर रुद्रपुर की रहने वाली कोमल शर्मा से जिन्होंने अपना जीवन उन गरीब बच्चों की पढ़ाई लिखाई में लगा दिया है जो समाज में सबसे वंचित हैं।
इन बच्चों को ना केवल स्कूली शिक्षा दी जा रही है |बल्कि उन्हें इस लायक भी बनाया जा रहा है कि वो अपना रोज़गार खुद स्थापित कर सकें।
कोमल शर्मा ने ज़िंदगी में तरक्की के कई रास्ते अपनाये
कोमल शर्मा ने रुद्रपुर से ही ग्रेजुएशन करने के साथ साथ सिलाई कढ़ाई, क्राफ्ट और ब्यूटी पार्लर में महारथ हासिल की। ज़िंदगी में तरक्की के कई रास्ते थे |लेकिन कोमल ने अपना जीवन उन बच्चों के लिए समर्पित कर दिया जिन्हें देखने वाला कोई नहीं। आज कोमल ने करीब साठ बच्चों की पढ़ाई का ज़िम्मा उठाया है। ये वो बच्चे हैं जो गरीब परिवारों से हैं।
इनके परिवारों में बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान देने वाला कोई नहीं हैं। कोमल का कहना है कि इन बच्चों को पढ़ाने में उन्हें जीवन का सुख दिखाई देता है। कोमल की मेहनत को स्थानीय लोगों का भी सहयोग मिला इसका ही नतीजा है कि बच्चों के लिए स्टेशनरी का इंतज़ाम करना हो या दूसरी ज़रूरी चीज़ें, परेशानी कभी लंबे समय तक नहीं टिकतीं। पढ़ाने के साथ साथ कोमल इन बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रही हैं। इनमें से कई बच्चों को सिलाई कढ़ाई और दूसरे स्वरोज़गार के लिए तैयार किया जा रहा है।
घर में माता-पिता का पूर्ण मिलता है सहयोग
घर में माता-पिता का पूर्ण सहयोग मिलता रहा इसलिए कोमल का हौसला और बढ़ा। देवभूमि पहल एक समिति का गठन कर कोमल ने महिलाओं के लिए रोज़गार का इंतज़ाम करने का भी फैसला किया। कोमल ने इन महिलाओं के ग्रुप बनाए और क्राफ्ट, पापड़, अचार, कुशन जैसी चीज़ों का प्रोडक्शन करके इनके लिए रुपए पैसे का भी इंतज़ाम कर दिया। कोमल के ग्रुप में आज 120 महिलाएं ऐसी हैं जो इस समिति के माध्यम से अपना रोज़गार हासिल कर रही हैं।
कोमल का दावा है कि वो जो भी बनाती हैं वो एकदम ताज़ा और स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। इन उत्पादों की बिक्री के लिए कोमल ने ऑनलाइन मार्केटिंग का भी सहारा लिया है।
उनका कहना है कि इस तरह से हम काम करते है और हम यह सोचे कि हम महिला, बच्चों के बारे में सोचें… जो कि इन चीजों के लिए जरुरत मंद है और ऐसे महिला को कोई भी चीज की जरूरत पड़े तो हमारी टीम उन के साथ खड़ी है।