सिर पर चढ़ने से पहले ही उतरा घर पर ‘बार’ बनाने का नशा!…सरकार ने 72 घंटे में वापस लिया फैसला।

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देहरादून: घर में बार बनाने का विरोध इतना तेज़ था कि धामी सरकार के हाथ पांव फूल गए। घरेलू बार लाइसेंस का विरोध होने पर आबकारी विभाग को इस व्यवस्था पर रोक लगानी पड़ी। इस संबंध में बुधवार को आबकारी आयुक्त हरिचंद सेमवाल की ओर से रोक के आदेश जारी कर दिए गए हैं। पिछले दिनों देहरादून में एक व्यक्ति को घरेलू बार लाइसेंस जारी किया गया था। इसके बाद महिलाओं ने आबकारी विभाग की इस व्यवस्था का विरोध शुरू कर दिया।

इस वर्ष की आबकारी नीति में घरेलू बार लाइसेंस की व्यवस्था की गई थी। इसके तहत बार लाइसेंस लेने वाले को 12 हजार रुपये प्रतिवर्ष लाइसेंस फीस के तौर पर आबकारी विभाग को चुकाने होते थे। इसके बाद वह घर में 50 लीटर तक शराब रख सकता था। इनमें भी वर्गीकरण किया था।

कुछ वर्गों और महिलाओं ने शुरू किया विरोध
इसके तहत नौ लीटर भारत में निर्मित अंग्रेजी शराब, नौ लीटर आयातित शराब, 18 लीटर वाइन और 15.6 लीटर बीयर रखने की अनुमति दी गई थी। इस व्यवस्था के तहत कुछ शौकीन लोग काफी रूचि भी दिखा रहे थे। इन्हीं में से एक को पिछले दिनों एक बार लाइसेंस जारी भी किया गया।

लेकिन, इसका कुछ वर्गों और महिलाओं ने विरोध शुरू कर दिया। इसके बाद आबकारी विभाग को इस व्यवस्था पर रोक लगाने का निर्णय लेना पड़ा। संयुक्त आयुक्त आबकारी बीएस चौहान ने बताया कि आयुक्त हरिचंद सेमवाल ने बुधवार को आदेश जारी किए हैं।

फिलहाल इस व्यवस्था पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। बता दें प्रदेश में कोई भी व्यक्ति केवल नौ लीटर शराब का परिवहन कर सकता है। जबकि, घर में भी इससे ज्यादा शराब रखना आबकारी अधिनियम के विरुद्ध है। उसके खिलाफ आबकारी अधिनियम में कार्रवाई की जाती है।


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