कोटद्वार: हिमालय को अपने कदमों से नापने के जुनून ने कमलेश बौंठियाल को इस मर्तबा विश्व की आठवीं सबसे ऊंची चोटी मनास्लू के शिखर पर पहुंचा दिया। बीती 30 सितंबर को कमलेश ने अपनी बीएसएफ टीम के साथ नेपाल में स्थित इस चोटी पर भारतीय ध्वज फहराया।
बीएसएफ के इस जाबांज ने अब तक हिमालय की करीब एक दर्जन दुरूह चोटियों में सफल आरोहण कर क्षेत्र का नाम रोशन किया है। एकेश्वर प्रखंड के छोटे से गांव गोंछीखेत निवासी भगवती प्रसाद बौंठियाल के इस होनहार जांबाज बेटे की इस फतह से क्षेत्रवासी गदगद हैं।
12 सितंबर को बीएसएफ के 18 सदस्यों की टीम नेपाल के लिए हुई थी रवाना
कमलेश ने बताया कि 12 सितंबर को बीएसएफ के टीम लीडर पद्मश्री लवराज सिंह धर्मशक्तू के नेतृत्व में बीएसएफ के 18 सदस्यों की टीम नेपाल के लिए रवाना हुई। उनके दल को दिल्ली में बीएसएफ हेड क्वार्टर में महानिदेशक नितिन अग्रवाल ने टीम के 18 सदस्यों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था।
बताया कि 30 सितंबर को टीम ने नेपाल में 8163 मीटर ऊंची मनास्लू के शिखर में सफल आरोहण कर भारतीय ध्वज फहराया। सीमा सुरक्षा बल में तैनात कमलेश का साहसिक गतिविधियों से पुराना नाता रहा है।
हिमालय की दुरूह चोटियों को की फतेह
सतपुली में शिक्षा के दौरान नयार में गोते लगाना हो या गांव जाने के लिए शॉर्टकट के लिए पहाड़ियां चढ़ना, यह उनका शौक था। उनके साहसिक जुनून के चलते उन्होंने बीएसएफ में भी इसे ही तवज्जो दी। हिमालय की दुरूह चोटियों को फतेह करने के साथ ही उन्होंने 12 वर्ष पूर्व 2006 में भी एवरेस्ट का सफल आरोहण कर कामयाबी की इबारत लिख दी थी।
2010 में भारत सरकार ने कमलेश को तेनजिंग नॉर्वे राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया। तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल के हाथों उन्हें यह पुरस्कार दिया गया था।
कमलेश की कुछ और उपलब्धियां
वर्ष – चोटी – ऊंचाई
2023 – मनास्लू – 26775 फीट
2021 – माउंट लोबुचे – 20161 फीट
2019 – सतोपंथ – 23212 फीट
2018 – एवरेस्ट – 29030 फीट
2017 – जोगिंग चोटी – 20060 फीट
2012 – गंगोत्री – 3 21573 फीट
2008 – कंचनजंघा (नेपाल से) – 28170 फीट
2007 – त्रिशूल वेस्ट – 23075 फीट
2006 – एवरेस्ट – 29030 फीट
2005 – सतोपंथ – 23206 फीट
2003 – माणा – 23859 फीट
2002 – कामेट – 25447 फीट
2001 – माउंट जोगिन – 1, 2 व 3