G20 में भारत को क्या मिला और पूरी दुनिया ने इससे क्या सीखा यह एक तरफ है लेकिन इस वक्त एक तस्वीर पूरी दुनिया में छाई हुई है। बहुत तस्वीर है इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की।
भारत मंडपम में स्वागत हो या राजघाट में शॉल पहनना हर
जगह दोनों की केमिस्ट्री की तस्वीर खूब वायरल हो रही है। इन दोनों की तस्वीरों पर सैकड़ो मेंस बन चुके हैं और हजारों रिले फेसबुक और इंस्टाग्राम पर वायरल हो रही है।
इटली की पीएम मेलोनी ने कहा, ‘हमारी सरकार हमारे संबंधों (भारत के साथ) को और आगे बढ़ाने जा रही है । मेरा विश्वास है कि हम एक साथ मिलकर बहुत कुछ कर सकते हैं। इस बात का मुझे यकीन नहीं है कि मैं अप्रूवल रेटिंग के मामले में मोदी जी की बराबरी कर सकती हूं। मेरा मानना है कि वह दुनिया भर में सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले शख्स हैं।
‘ मालूम हो कि प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को मेलोनी के साथ द्विपक्षीय वार्ता की थी। इस दौरान उन्होंने वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन और भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा साझेदारी में शामिल होने के लिए इटली की सराहना की।
इटली की पहली महिला प्रधानमंत्री बता दें कि जॉर्जिया मेलोनी नव- फासीवादी विचारों से जुड़ी पार्टी की नेता हैं। वह इटली की पहली महिला प्रधानमंत्री हैं।
उन्होंने द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद इटली की पहली धुर ऐप पर पढ़ें दक्षिणपंथी पीएम के तौर पर शपथ ली। शपथ लेने के बाद मेलोनी ने शपथ पत्र पर दस्तखत किए और उनके बाद राष्ट्रपति सर्गियो मतारेल्ला ने राष्ट्र प्रमुख और संविधान के संरक्षक के तौर पर हस्ताक्षर किए। इस संविधान को फासीवादी तानाशाह बेनितो मुसोलिनी के पतन और द्वितीय विश्वयुद्ध के तुरंत बाद तैयार किया गया था। 46 वर्षीय मेलोनी गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रही हैं, जिसमें दक्षिणपंथी लीग ऑफ माटेओ साल्विनिक और पूर्व प्रधानमंत्री सिल्वियो बर्लुस्कोनी की
ब्रदर्स ऑफ इटली’ पार्टी की नेता जॉर्जिया मेलोनी जब पीएम बनीं तो देश में तानाशाही लौटने की चर्चा होने लगी। दरअसल तानाशाह बेनिटो मुसोलिनी के बाद एक बार फिर से देश में धुर दक्षिणपंथी सरकार बनी थी । मेलोनी खुद को मुसोलिनी का प्रशंसक बताती रही हैं और कई बार सार्वजनिक मंचों पर उसकी तारीफ भी कर चुकी हैं। मेलोनी की पार्टी अप्रवास विरोधी रही है। इसके अलावा उनकी पार्टी ने LGBTQ और गर्भपात के अधिकारों में कमी लाने का भी प्रस्ताव रखा था। 2018 के बाद मेलोनी की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी। इससे पहले वह खेल मंत्री का पदभार संभाल चुकी थीं।
एलजीबीटी के खिलाफ जमकर बयानबाजी
सीएम बनने से पहले जॉर्जिया मेलोनी का अपनी पहचान को लेकर एक बयान खूब वायरल हुआ था। उन्होंने कहा था, ‘मैं जॉर्जियन हूं, मैं एक महिला हूं, मैं एक मां हूं, मैं इतालवी हूं, मैं एक ईसाई हूं और आप इसे नहीं ले सकते।’ कहते हैं कि इस भाषण के बाद मेलोनी लोगों के बीच बेहद पॉपुलर हो 2019 में उनके इस भाषण ने लोगों के बीच उनकी राजनीति की मजबूत नींव रखी। LGBT समुदाय और इस्लाम के विरोध का बैनर लेकर चली मेलोनी धीरे-धीरे पोस्टर गर्ल बन ईं। 30 जनवरी 2016 को एलजीबीटी अधिकार विरोधी दर्शन में वह शामिल हुई थीं,राजनीति की मजबूत नींव रखी। LGBT समुदाय और इस्लाम के विरोध का बैनर लेकर चली मेलोनी धीरे-धीरे पोस्टर गर्ल बन गईं। 30 जनवरी 2016 को एलजीबीटी अधिकार विरोधी प्रदर्शन में वह शामिल हुई थीं, जहां उन्होंने एलजीबीटी समुदाय के खिलाफ जमकर बयानबाजी की। मेलोनी को पारिवारिक व्यवस्था और कल्चर बचाए रखने वाले नेता के तौर पर देखा जाता है।