रुद्रपुर : जिला आबकारी कार्यालय में खड़े नए ट्रैक्टर अदला-बदली मामले के मुख्य साजिशकर्ता सहायक आबकारी आयुक्त दो लाख रुपये के प्रलोभन में गुनहगार बन बैठा। सहायक आबकारी आयुक्त प्रवर्तन की इस करतूत ने विभाग को सकते में डाल दिया, अब उनके पूरे कार्यकाल के क्रियाकलापों की कुंडली भी खंगाली जाएगी। देहरादून मुख्यालय से अगस्त में सहायक आबकारी आयुक्त प्रवर्तन दल में तैनाती हुई थी, जिसके बाद वह जिले के प्रवर्तन दल का कार्य देख रहे थे।
दो लाख के लालच में आकर रच दी साजिश
आबकारी विभाग में बाबू पद पर भर्ती होने के बाद आरोपी पन्ना लाल शर्मा ने अपनी काबिलियत के बाल पर निरीक्षक की भर्ती उतीर्ण की थी और देखते ही देखते सहायक आबकारी आयुक्त प्रवर्तन तक पहुंच गए। कार्यकाल अभी पांच वर्ष का बचा हुआ है, लेकिन तीन सितंबर की रात को महज दो लाख के लालच में आकर उन्होंने साजिश रच दी और फिर खुद ही फंस गए।
पुलिस अब उनके प्रवर्तनीय कार्यकाल से लेकर उनकी पूर्व तैनाती के क्रियाकलापों को खंगालेगी और एक रिपोर्ट बनाकर विभाग को भेजी।
ज्वाइंट कमिश्नर कुमाऊं मंडल करेंगे जांच
आबकारी विभाग की छवि धूमिल करने वाले सहायक आबकारी आयुक्त प्रवर्तन के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के लिए ज्वाइंट कमिश्नर कुमाऊं मंडल केके कांडपाल ने खुद जांच करने का निर्णय लिया है।
जांच से पहले किया जाएगा निलंबित
जांच से पहले आबकारी अधिकारी को निलंबित किया जा सकता है और उसके बाद उसका डिमोशन किया जाएंगा। इसके बाद अदालत के निर्णय के अनुसार आरोपी की बर्खास्तगी की कार्रवाई हो सकती है। इसके लिए जिला आबकारी अधिकारी अशोक मिश्रा ने उन्हें रिपोर्ट दे दी है।