आगरा के थाना कमला नगर पुलिस ने एटीएम में गड़बड़ी करके खाते खाली करने वाले गैंग के चार सदस्यों को पकड़ा है। गैंग एटीएम का ऊपरी हिस्सा खोल देता था। इसमें कार्ड लगाने वाले स्थान का स्क्रू निकाल देते थे, जिससे कार्ड लगाने पर मशीन में फंस जाता था। बाद में एक सदस्य मदद के बहाने पिन देख लेता था। जब तक लोग बैंक में कार्ड फंसने की शिकायत करते थे, वह कार्ड को निकालकर खाता खाली कर देते थे। मास्टरमाइंड ने यूट्यूब से यह तरीका सीखा था
गैंग ने 11 अगस्त को काननवन रेजीडेंसी, कालिंदी विहार निवासी रोशन दुबे को शिकार बनाया। वह बल्केश्वर स्थित केनरा बैंक के एटीएम से रुपये निकालने आए थे। डेबिट कार्ड लगाने पर रुपये नहीं निकले। कार्ड अंदर चला गया। वह बैंक में शिकायत करने गए। लेकिन, कुछ देर बाद खाते से 69 हजार रुपये निकाल लिए गए। वह केनरा बैंक के एटीएम पर आए तो पता चला कि मशीन के ऊपरी हिस्से को खोलने वाला ताला टूटा हुआ है। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया। पुलिस ने पड़ताल की तो गैंग पकड़ा गया।
मुंबई व हैदराबाद में भी की वारदात
डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि बिहार के गया निवासी वीरू पांडेय, सुरेंद्र कुमार, निशांत राज और जावेद खान को पकड़ा है। गैंग का मास्टरमाइंड वीरू पांडेय है। वह बीए पास है। उसने यूट्यूब पर एटीएम को खोलने का तरीका सीखा था। यह जाना कि किस तरह से कार्ड मशीन के अंदर रुकता है। वह उस एटीएम में जाते थे, जिसमें गार्ड नहीं होता था। मुंबई और हैदराबाद में पहले वारदात कर चुके हैं। पुलिस उनके बारे में जानकारी जुटा रही है।
ये हुआ बरामद
आरोपियों से 101500 रुपये, एक कार, 5 मोबाइल, 6 डेबिट कार्ड, 1 स्वैप मशीन, 14 फेवीक्विक पाउच, पेचकस, टेस्टर, चाकू कटर, प्लास, दो ताले-चाबी आदि बरामद किए।
नंबर प्लेट से आरोपियों तक पहुंची पुलिस
पुलिस ने बताया कि रोशन दुबे के खाते से रकम दयालबाग स्थित एक एटीएम से निकाली गई थी। पुलिस ने एटीएम के कैमरे चेक किए। आरोपी कार से आए थे। पुलिस ने कार का नंबर चेक किया। यह झारखंड का था। नंबर प्लेट का एक नंबर बदला हुआ था। पुलिस ने कई नंबरों का मिलान किया। पुलिस को एक नंबर की जानकारी मिली। कार मालिक की लोकेशन आगरा की आ रही थी। इस पर पुलिस को शक हो गया। पुलिस ने सर्विलांस की मदद से गैंग को पकड़ लिया। गैंग ने आगरा के बाद मथुरा में भी वारदात की थी। 50 हजार रुपये निकाल लिए थे