दिल्ली में सेवा क्षेत्र को उपराज्यपाल के अधीन करने वाले अध्यादेश को कानूनी जामा पहनाने के लिए मानसून सत्र में लाया गया दिल्ली सेवा विधेयक अब कानून बन चुका है। मानसून सत्र में लोकसभा और राज्यसभा से विपक्ष के विरोध के बावजूद पास हुए दिल्ली सेवा बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा गया था। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद अब यह बिल कानून बन गया है। कानून बनते ही भारत सरकार ने इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है।
दिल्ली पर अधिकारों की चली आ रही लंबी जंग अब खत्म
खत्म
बता दें कि दिल्ली पर अधिकारों की चली आ रही लंबी जंग अब खत्म हो गई है। लोकसभा और राज्यसभा में पेश बिल को कई राउंड के बहस के बाद पास कर दिया गया था। इस पर राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही यह बिल अब कानून बन गया है। भारत सरकार ने इसको लेकर एक नोटिफिकेशन भी जारी कर चुकी है। इससे पहले लोकसभा में इस बिल को सत्ता पक्ष ने आसानी से पास करा लिया था। इसके बाद से कयास लगाए जा रहे थे कि राज्यसभा में यह बिल नए बने विपक्षी एकता के सामने टिक नहीं पाएगा। हालांकि ऐसा हुआ नहीं यह बिल राज्यसभा में भी आसानी से पास हो गया। यहां पर इसके पक्ष में 131 वोट पड़े थे वहीं इसके विपक्ष में 102 वोट ही पड़े थे।