हरिद्वार: रूपड़िया से नेपाल के लोगों को लेकर हरिद्वार आ रही बस में सवार 43 सवारियों की जान उस समय गले अटक गई, जब बस नदी के तेज बहाव में बीच में फंस गई। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड पुलिस की ओर से चलाए गए रेस्क्यू अभियान में जेसीबी में बैठाकर सवारियों को बाहर निकालकर उनकी जान बचाई गई।
बाद में बस को भी क्रेन से बाहर किया गया। रेस्क्यू अभियान के बाद लोगों की जान बचने पर पुलिस और सवारियों ने राहत की सांस ली। दरअसल, शनिवार को उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के रूपड़िया डिपो की बस नेपाल के लोगों लेकर हरिद्वार आ रही थी। बस जब सुबह करीब दस बजे हरिद्वार-बिजनौर मार्ग पर उत्तर प्रदेश की सीमा चिड़ियापुर बॉर्डर पर भागूवाला कोटावाली नदी के रपटे पर पहुंची ताे अचानक से पानी में तेज बहाव आ गया।
पानी तेज बहाव आने पर बस नदी में फंसने लगी। बस चालक ने उसे नदी से निकलाने का प्रयास किया, लेकिन ज्यादा बहाव होने से उसके पटलने के खतरे को देखते हुए उसने बस को बीच खड़ा कर दिया। उसने तुरंत मामले की सूचना पुलिस को दी। बस में बैठे यात्रियों को इसका पता चला तो उनमें हड़कंप मच गया। लोगों में किसी अनहोनी की घटना को देखते हुए चीख पुकार मच गई।
सूचना मिलते ही उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड पुलिस मौके पर पहुंच गई। जिसने यात्रियों को बचाने के लिए रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया। करीब ढाई घंटे की मशक्कत के बाद जेसीबी की मदद से बस में सवार लोगों को धीरे-धीरे कर नदी से बाहर निकाला लिया गया। यात्रियों को बाहर निकालने के बाद बस को भी क्रेन से नदी से बाहर खींच लाया गया। रेस्क्यू अभियान के बाद चालक-परिचालक समेत सभी यात्रियों को सकुशल बचा लिया गया। श्यामपुर थानाध्यक्ष विनोद थपलियाल का कहना है कि ढाई घंटे के रेस्क्यू अभियान में सभी यात्रियों को सुरक्षित बचा लिया गया है। उन्हें दूसरी बसों में बैठाकर हरिद्वार के लिए रवाना कर दिया गया।