Uttarakhand में बारिश का कहर: दो मकान क्षतिग्रस्त…कई घरों के आंगन टूटे, अल्मोड़ा में चार और बागेश्वर में 13 सड़कें बंद

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अल्मोड़ा और बागेश्वर जिले में बारिश से जनजीवन प्रभावित रहा। रास्तों और सड़कों पर जलभराव होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। बारिश के बाद पहाड़ी से मलबा गिरने से चार ग्रामीण सड़कें बंद हैं। इससे 20 से अधिक गांवों का सड़क संपर्क पूरी तरह कट गया है। वाहनों का संचालन थमने से क्षेत्र की आठ हजार की आबादी बारिश के बीच पैदल आवाजाही करने के लिए मजबूर है। वहीं बागेश्वर जिले में भारी बारिश से दो मकान क्षतिग्रस्त हो गए तथा 13 सड़काें पर यातायात ठप है। इससे 20 हजार की आबादी प्रभावित है। गोमती और सरयू नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है। लोगों को नदी में जाने से रोकने के लिए बागनाथ मंदिर के समीप जल पुलिस की चौकी खोल दी गई है।

जिला मुख्यालय सहित जिले के अधिकांश हिस्सों में बृहस्पतिवार देर शाम बारिश शुरू हुई जो दूसरे दिन शुक्रवार को भी पूरे दिन जारी रही। झमाझम बारिश से जनजीवन प्रभावित रहा। जिला मुख्यालय पर माल रोड, रानीधारा, लोअर माल रोड सहित अन्य हिस्सों में सड़कों और रास्तों पर जलभराव हुआ। बाजारों में सुनसानी छाई रही। नदी-नाले भी बारिश के बाद उफान पर हैं। पहाड़ी से मलबा और बोल्डर गिरने से डूंगरा-झिगोली-तोली, जैंती-पीपली-सिल्टा-चापड़, चायखान-थुवासिमल, चमकना-अधे-थात सड़कों पर आवाजाही पूरी तरह ठप है। क्षेत्र के 20 से अधिक गांव अलग-थलग हो गए हैं।

वाहनों की आवाजाही थमने से लोग बारिश के बीच पैदल सफर कर बाजार पहुंच रहे हैं और पीठ पर दैनिक जरूरत का सामान घर पहुंचाने के लिए मजबूर हैं। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी विनीत पाल ने बताया कि जेसीबी सड़कों को खोलने में जुटी हैं। जल्द सड़कों पर आवाजाही शुरू करा दी जाएगी।

इधर बागेश्वर में बृहस्पतिवार शाम से जिले में लगातार बारिश हो रही है। बारिश के दौरान गांजली गांव के अशोक राम पुत्र गोविंद राम और ओड़लोहार गांव के प्रकाश चंद्र पुत्र राम प्रसाद के मकान आंशिक क्षतिग्रस्त हो गए। ग्वाड़ निवासी बहादुर राम पुत्र धन राम और मनकोट निवासी गोपाल दत्त पुत्र हरी दत्त के घर के आंगन टूट गए हैं। बारिश से गैरखेत गांव में खेतों में मलबा आने से 23 परिवारों की फसल नष्ट हो गई है। पिछले 24 घंटे में कपकोट में सबसे अधिक 67.50 मिमी, बागेश्वर में 25 मिमी और गरुड़ में 16.50 मिमी बारिश दर्ज की गई। सरयू नदी का जलस्तर 866 और गोमती नदी का 863.10 पहुंच गया है। हालांकि नदियां अभी खतरे के निशान 870.70 मीटर से नीचे बह रही हैं।

भारी बारिश का कहर सड़कों पर टूट रहा है। बोल्डर और मलबा गिरने से तुड़तुड़िया-भैरू-ओखलधार, ज्ञानधुरा-डांगती, हरसीला-पुड़कूनी, सिमगड़ी, कठपुडि़याछीना-सिया, बनलेख-गणुवा सिरमोली, बागेश्वर-दफौट-नौगांव, सूपी-हरकोट, काफलीकमेड़ा, धरमघर-माजखेत, भनार-लाथी, कपकोट-पिंडारी ग्लेशियर और मुनार-गांसी मोटर मार्ग बंद हैं। सड़कों के बंद होने से 20 हजार से अधिक की आबादी प्रभावित है।

आपदा प्रभावितों को नियमानुसार सहायता राशि देने की कार्यवाही चल रही है। बंद सड़कों को खोलने का काम चल रहा है। जल्द सड़कों पर यातायात सुचारू कराने का प्रयास किया जा रहा है।
-शिखा सुयाल, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी, बागेश्वर

द्वाराहाट, ताकुला में सबसे अधिक 44 एमएम बारिश
अल्मोड़ा जिला मुख्यालय सहित जिले के कई हिस्सों में बारिश हुई। जिला मुख्यालय में 7.8 एमएम, द्वाराहाट, ताकुला में सबसे अधिक 44 एमएम बारिश रिकाॅर्ड की गई। रानीखेत में तीन, सोमेश्वर में 20, चौखुटिया में 28, भिकियासैंण में 4.5, सल्ट में दो, शीतलाखेत में 3.5, मासी में 11 एमएम बारिश हुई।


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