नई दिल्ली। दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने आप सांसद स्वाति मालीवाल के साथ बदसलूकी की घटना को लेकर शुक्रवार शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बड़े आरोप लगाए हैं।
आतिशी ने बताया कि स्वाति मालीवाल उस दिन बिना किसी अप्वाइंटमेंट के सीएम आवास पहुंची थी। लेकिन आज जो वीडियो सामने आया है, जिसमें वह ड्राइंग रूम में आराम से बैठी हैं। वह सुरक्षाकर्मियों को डरा-धमका रही हैं।वह बिभव कुमार को अपशब्द बोल रही हैं। उनपर कोई चोट नहीं दिख रही है। उनके आरोप बिल्कुल गलत हैं। बिभव कुमार ने आज ही दिल्ली पुलिस को अपनी शिकायत दी है। इसमें उन्होंने 13 मई की घटना की जानकारी दी।उन्होंने गार्ड को धमकाया, बिभव से बदतमीजी की: आतिशीआतिशी ने कहा कि स्वाति मालीवाल जी का उस दिन कोई अप्वाइंटमेंट नहीं था। उन्होंने पुलिस से झगड़ा कर उनकी नौकरी लेने तक की धमकी दी। इसके बाद वह धक्का देते हुए वह वेटिंग रूम में चली गईं। कुछ देर बैठने के बाद वह मेन बिल्डिंग में घुसकर सोफे पर बैठ गईं। उन्होंने धमकाया कि सीएम को अभी बुलाओ, मुझे अभी बात करनी है। बिभव कुमार को स्वाति ने धक्का दिया: आतिशीउन्होंने कहा कि क्या स्वाति जी को पता नहीं था कि उनसे मिलने के लिए अप्वांटमेंट की जरूरत होती है? बिभव कुमार जी को फोन कर बुलाया गया। उन्होंने बताया कि आज सीएम केजरीवाल जी उपलब्ध नहीं हैं। वह मिल नहीं पाएंगे। इसके बाद उसने अंदर के कमरे में जाने की कोशिश की।बिभव कुमार उनके सामने खड़े हो गए। इसके बाद वह ऊंची आवाज में बहस करने लगी। स्वाति जी ने उन्हें धक्का दिया। बिभव कुमार जी ने उन्हें अंदर नहीं जाने दिया। फिर उन्होंने सुरक्षाकर्मियों को बुलाया और उन्हें बाहर करने को कहा।इन सब घटनाओं के पीछे बीजेपी की साजिश: स्वातिउन्होंने कहा कि स्वाति मालीवाल जी बीजेपी के इशारे पर काम कर रही थी। यही कारण है कि वह जबरदस्ती सीएम से मिलने की कोशिश की। इसलिए वह सुबह-सुबह सीएम ऑफिस पहुंची हैं। तीन बाद वह एफआईआर कराईं। वीडियो से साफ पता चलता है कि न तो उनके सिर पर चोट है और न ही उनके साथ जबरदस्ती की गई है। ऐसे में बीजेपी की साजिश का पता चलता है।
भाजपा का चेहरा बनीं स्वाति’आतिशी ने दावा किया कि जबसे सीएम केजरीवाल जेल से बाहर आए हैं, तब से बीजेपी उन पर किसी न किसी मामले में झूठे आरोप लगाना चाह रही थी। इसके लिए उन्होंने स्वाति मालीवाल का चेहरा इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने ही 13 मई को उन्हें सीएम ऑफिस भेजा था, जबकि सीएम केजरीवाल उस दिन अपने आवास पर ही नहीं थे।