देवभूमि उत्तराखंड के सियासी समर के लिए भाजपा ने अपने स्टार प्रचारकों को मोर्चे पर उतारने का क्रम प्रारंभ कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो अप्रैल की रुद्रपुर रैली से इसकी शुरुआत हो चुकी है। इसके साथ ही राज्य में स्टार प्रचारकों के एक के बाद एक कार्यक्रम लगाने की पार्टी की तैयारी है।
लोकसभा क्षेत्रों की तस्वीर देखें तो प्रधानमंत्री मोदी के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की वहां जबर्दस्त डिमांड है। पांचों लोकसभा क्षेत्रों से भाजपा के प्रांतीय नेतृत्व के पास योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रमों की मांग आ रही है।
सीएम योगी के रोड शो की है मांग
पार्टी सूत्रों के मुताबिक इस सबके मद्देनजर केंद्रीय नेतृत्व से यहां के प्रत्येक लोकसभा क्षेत्रों में योगी की दो से तीन सभाएं अथवा रोड शो के कार्यक्रम मांगे गए हैं। प्रयास ये किया जा रहा है कि चुनाव प्रचार के अंतिम दौर में 10 से 16 अप्रैल के बीच उनके कार्यक्रम तय हों।
40 स्टार प्रचारकों की सभाएं कराने की है तैयारी
उत्तराखंड में लोकसभा की पांचों सीटों पर भाजपा वर्ष 2014 से काबिज है। अब उसके सामने लगातार तीसरी बाद हैट्रिक की चुनौती है। ऐसे में पार्टी के लिए पांचों सीटें खासी अहमियत रखती हैं। इसके लिए वह चुनाव प्रचार में कहीं भी कोई कमी छोड़ने के मूड में नहीं है और उसने चुनाव मैदान में पूरी ताकत झोंकी हुई है। इसी क्रम में भाजपा अब राज्य के लिए घोषित अपने 40 स्टार प्रचारकों की ताबड़तोड़ सभाएं कराने की तैयारी में है।
सीएम योगी की है मांग
भाजपा सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम लगाने की सभी लोकसभा क्षेत्रों से मांग आ रही है। पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से योगी आदित्यनाथ के अधिक से अधिक कार्यक्रम लेने का प्रयास किया जा रहा है।
योगी को अपने बीच पाकर जुड़ाव महसूस करते हैं लोग
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उत्तराखंड में जबरदस्त डिमांड है तो इसके पीछे कई कारण समाहित हैं। योगी आदित्यनाथ मूल रूप से पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लाक के ग्राम पंचुर के निवासी हैं। उप्र की बागडोर संभालने के बाद वह कई बार अपने गृह राज्य के प्रति लगाव भी प्रदर्शित करते आए हैं। यहां के लोग भी उन्हें अपने बीच पाकर जुड़ाव महसूस करते हैं। इस सबको देखते हुए पार्टी का प्रयास है कि योगी आदित्यनाथ की छवि और राज्य से लगाव को भुनाकर अपने वोट बैंक को और अधिक मजबूत बनाया जाए।